— वीरेंद्र यादव न्यूज—
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा है कि सरकार ने पूर्व प्रभाव से 2011 से शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) अर्हक प्रमाण पत्र की वैधता अवधि 7 वर्ष से बढ़ाकर आजीवन करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि संबंधित राज्य सरकार उन उम्मीदवारों को फिर से वैध/नया टीईटी प्रमाणपत्र जारी करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करेंगे, जिनकी 7 वर्ष की अवधि पहले ही समाप्त हो चुकी है। पीआईबी ने श्री पोखरियाल के हवाले से कहा है कि शिक्षण क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने की दिशा में यह एक सकारात्मक कदम होगा।
पीआईबी के अनुसार, शिक्षक पात्रता परीक्षा एक व्यक्ति के लिए विद्यालयों में बतौर शिक्षक नियुक्ति के लिए पात्र होने को लेकर जरूरी योग्यताओं में से एक है। राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के 11 फरवरी, 2011 के दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि टीईटी राज्य सरकारें आयोजित करेंगी और टीईटी प्रमाणपत्र की वैधता टीईटी उत्तीर्ण करने की तारीख से 7 वर्ष थी। लेकिन केंद्र सरकार ने अब इसकी वैधता नौकरी के लिए निर्धारित उम्र तक मान्य कर दिया है।