नाबार्ड द्वारा कृषि विभाग / उद्यान विभाग / पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ एक बैठक आयोजित की गयी, जिसके माध्यम से राज्य में कृषि एवं इस पर आधारित गतिविधियों के सम्यक विकास हेतु नाबार्ड की विभिन्न योजनाओं के संबंध में विस्तार से चर्चा की गयी। इस बैठक में नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक डॉ सुनील कुमार,कृषि विभाग के सचिव डॉ एन सरवन कुमार सहित कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। बैठक के दौरान नाबार्ड द्वारा राज्य सरकार के संबन्धित विभागों हेतु कृषि एवं ग्रामीण समृद्धि से संबन्धित विभिन्न आधारभूत संरचना से संबन्धित योजनाओं के संबंध में प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुतीकरण किया गया।
बैठक को सम्बोधित करते हुए नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक डॉ सुनील कुमार ने बताया कि बिहार देश में सबसे तेज़ी से विकास के रह पर अग्रसर अर्थव्यवस्था के रूप में चिह्नित है, परंतु यह विकास सतत रहे उसके लिए यह नितान्त आवश्यक है कि आधारभूत संरचनाओं के विकास के माध्यम से आजीविका का निर्माण हो जिससे राज्य का मानव विकास सूचकांक भी बेहतर हो। डॉ सुनील कुमार ने इस बात पर हर्ष ज़ाहिर किया की विगत कुछ वर्षों में राज्य द्वारा RIDF के तहत आधारभूत संरचनाओं के विकास हेतु अधिकतम राशि का उपयोग किया गया है। आवश्यकता यह है की अन्य योजनाओं का भी प्रभावी उपयोग करते हुए राज्य में माइक्रो इरिगेशन, बेहतर ग्रामीण मार्केट व्यवस्था, पशुपालन एवं मछली पालन से सम्बंधित आधारभूत संरचनाओं के विकास के माध्यम से कृषि और इस पर आधारित उद्योग को लाभदायक बनाया जाए।
सचिव, कृषि विभाग,डॉ.एन सरवन कुमार ने नाबार्ड का धन्यवाद देते हुए यह साझा किया कि जब पूरा विश्व कोविड महामारी से जूझ रहा है और देश एवं राज्य की जीडीपी में कमी दर्ज की गयी है, वही कृषि ने अर्थ्व्यस्था में सकारात्मक योगदान किया है। नाबार्ड द्वारा साझा की गयी योजनाएँ विशेषकर कृषि एवं इस पर आधारित व्यवसायों को और बेहतर बनाने की दिशा में निश्चित ही कारगर होगा। कृषि विभाग इन योजनाओं के नियम एवं शर्तों के अधीन आधारभूत संरचनाओं के विकास हेतु DPR तैयार कर नाबार्ड को प्रेषित करेगा ताकि ससमय fund की उपलब्धता से इन योजनाओं को राज्य में लागू किया जा सके और कृषि एवं इस पर आधारित उद्योगों को बढ़ावा दिया जा सके ताकि हमारे कृषि रोड मैप की संकल्पना, देश के हर एक थाली में हमारा व्यंजन हो, को साकार किया जा सके।