बिहार में कई मुख्यमंत्री, सांसद या विधायक हैं, जिनके सदन में दिये भाषणों का संकलन प्रकाशित हुआ है। कर्पूरी ठाकुर, जगन्नाथ मिश्र, लालू यादव से लेकर नीतीश कुमार तक के सदन में दिये भाषणों का संकलन उपलब्ध है। विधान सभा के पूर्व अध्यक्ष सदानंद सिंह ने अपने अध्यक्षीय कार्यकाल में अपने तब तक के दिये भाषणों या सवाल-जवाब का पूरा संकलन प्रकाशित करवा लिया था। यह अच्छा प्रयास है और इस दिशा में और काम किये जाने की संभावना है। सत्येंद्र नारायण सिंह, सुशील मोदी जैसे नेताओं की आत्मकथाओं में सदन में उनके भाषणों का अंश प्रकाशित है।
लेकिन हम बात कर रहे हैं पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के भाषणों के संकलन ‘सदन में लालू प्रसाद: प्रतिनिधि भाषण’ की। इस पुस्तक को पटना में पाठकों तक पहुंचाने का जिम्मा हमने लिया है। हमारा मानना है कि यदि पाठकों तक सीधे पुस्तक पहुंचायी जाये तो उसके बिकने की संभावना ज्यादा हो जाती है। हमने इसी दिशा में प्रयास भी किया है। इसकी कीमत 450 रुपये है, लेकिन ग्राहकों को हम 500 रुपये में बेचते हैं, क्योंकि थोड़े सभ्य लोग 500 रुपये से कम के नोट लेकर नहीं चलते हैं। इसलिए 50 रुपये लौटाने का झंझट ही हमने समाप्त कर दिया, ताकि खुदरा की चिंता न बेचने वाले को और न खरीदने वाले को। हम अपने पाठकों से आग्रह करेंगे कि अन्य मुख्यमंत्रियों या नेताओं की पुस्तक भी खरीदकर पढ़ें, ताकि आप बिहार को समझ सकें। लालूजी की पुस्तक पर हमारा फोकस इसलिए है कि पुस्तक और ग्राहक के बीच हमही कड़ी हैं।
इस पुस्तक में उनके विधान मंडल और संसद में दिये गये उनके भाषणों के महत्वपूर्ण अंशों का संकलन है। मुख्यमंत्री, विधायक, मंत्री या सांसद के रूप में उनके भाषणों को पढ़कर आप उनके वैचारिक गंभीरता को समझ सकते हैं। आप लालूजी से नफरत करते हों या प्यार, कुंठा रखते हो या निष्ठा, घृणा करते हों या श्रद्धा। उनकी पुस्तक को जरूरत पढ़ना चाहिए। लालू यादव पार्टी से परे आत्मसम्मान के नेता हैं, स्वाभिमान के नेता हैं। आप इस राय से सहमत भी हो सकते हैं और असहमत भी। लेकिन ‘सदन में लालू प्रसाद: प्रतिनिधि भाषण’ पूर्व मुख्यमंत्री को समझने का आधिकारिक संदर्भ है। उसमें उनके ही शब्द संकलित हैं। इस पुस्तक को पढ़कर आप लालू यादव को व्यक्ति, विचार और आंदोलन के विभिन्न आयामों के रूप में समझ सकते हैं। 500 रुपये में पुस्तक नकद खरीदने के लिए संपर्क कर सकते हैं- 9199910924। धन्यवाद।