सरहसा, मधेपुरा और सुपौल स्थानीय प्राधिकार कोटे से विधान परिषद के लिए अजय कुमार सिंह निर्वाचित हुए हैं। वे राजद के टिकट पर चुने गये हैं। विधान पार्षद के रूप में अपनी प्राथमिकताओं की चर्चा करते उन्होंने कहा कि नगर निकाय और पंचायत राज व्यवस्था के तहत निर्वाचित प्रतिनिधियों के मान, सम्मान और उनकी सुरक्षा उनकी प्राथमिकता है। उनके मानदेय और भत्ते में बढ़ोत्तरी के लिए सदन से सड़क तक आवाज उठाएंगे।
— वीरेंद्र यादव न्यूज —-
वीरेंद्र यादव न्यूज के साथ चर्चा करते हुए कहा कि कोसी और सीमांचल में राजद के संगठन को मजबूत करना और पार्टी का आधार विस्तार भी प्राथमिकताओं में शामिल है। वे कहते हैं कि राजद प्रमुख लालू यादव का आशीर्वाद उन्हें लगातार मिलता रहा है और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के नेतृत्व में पार्टी की मजबूती के लिए काम करते रहे हैं। अपनी राजनीतिक यात्रा की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि 2001 से लगातार राजद के साथ जुड़े रहे हैं और संगठन के साथ काम करते रहे हैं। जिला स्तरीय जिम्मेवारियों के साथ कैरियर की शुरुआत करते हुए युवा राजद के राष्ट्रीय संगठन तक की यात्रा की। 2019 में पार्टी के मुख्य संगठन में प्रदेश स्तरीय जिम्मेवारियों का निर्वाह किया। वे कहते हैं कि 2015 और 2020 के विधान सभा चुनाव में सहरसा जिले के सिमरीबख्तियारपुर सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन मौका नहीं मिला। इस बार पार्टी ने विधान परिषद के लिए चुनाव लड़ने का मौका दिया और फिर जनता ने विधान परिषद में भेज दिया।
सहरसा से मैट्रिक करने वाले अजय कुमार सिंह ने इंटर और स्नातक की पढ़ाई पटना में की। इसके बाद दिल्ली चले गये। वहीं से दिल्ली विश्वविद्यालय में एमए और पीएचडी की। एलएलबी भी किया। नेट की परीक्षा में सफल हुए। कोसी के इलाके में निजी व्यवसाय से जुड़े रहे अजय सिंह अपने परिवार से राजनीति में आने वाले पहले सदस्य हैं। उनके दादा सरयुग प्रसाद सिंह स्वतंत्रता सेनानी थे। वे श्रीकृष्ण सिंह तथा अनुग्रह नारायण सिंह के निकट सहयोगी थे।
विधान पार्षद के रूप में अपनी जिम्मेवारियों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि अब जिम्मेवारी बढ़ गयी है। विधान परिषद के माध्यम से जनता के मुद्दों को उठाएंगे और उनके समाधान का प्रयास करेंगे। फिलहाल वे विधान परिषद की याचिका समिति के सदस्य हैं।