बिहार विधान सभा के पूर्व अध्यक्ष हैं उदय नारायण चौधरी। दो टर्म यानी 10 वर्ष अध्यक्ष रहे हैं। फिलहाल राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव प्रभारी हैं। कई बार राज्य सरकार में मंत्री भी रहे हैं। राजद प्रमुख लालूजी के साथ इनका लंबा संबंध रहा है। दोनों के बीच मतभेद और मनमुटाव का दौर भी बिहार ने देखा है।
लालू जी के साथ अपने अनुभव को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि लालूजी ने 10 मार्च, 1990 में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उसके चार दिन बाद 14 मार्च को अनसूचित जाति-जनजाति के अधिकारियों की ओर से एक कार्यक्रम पटना के लेडी स्टीफेंस हॉल में आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम के संयोजक धनबाद मेडिकल कॉलेज आरएन चौधरी थे। इस कार्यक्रम में लालूजी ने मेडिकल पीजी में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षण की घोषणा की थी। उस समय तक एमबीबीएस के लिए आरक्षण था, लेकिन पीजी की पढ़ाई के लिए आरक्षण नहीं था।
उदय नारायण चौधरी ने बताया कि कार्यक्रम की रूपरेखा उन्होंने ही तैयार किया था और पीजी में आरक्षण का प्रस्ताव भी उनका ही था। अनुसूचित जाति के हित में वह बड़ा कदम था। पीजी के आरक्षण मिलने के कारण शैक्षणिक पदों पर भी बड़ी संख्या में अनुसूचित जाति-जनजाति के लोग आने लगे। मेडिकल कॉलेजों में प्रोफेसर और प्रिंसिपल भी इस वर्ग के लोग बनने लगे। श्री चौधरी ने कहा कि लालूजी के एक निर्णय के कारण अनुसूचित जाति और जनजाति के मेडिकल छात्रों को काफी लाभ हुआ और इससे उनकी हिस्सेदारी बढ़ी। उन्होंने कहा कि लालूजी द्वारा मेडिकल पीजी की पढाई में दिया गया आरक्षण सर्वोच्च न्यायायल के हाल के निर्णय के बाद समाप्त कर दिया गया है।
uday narayan chaudhari byn patna