11 जून, शनिवार। राजद प्रमुख लालू यादव का जन्मदिन। पटना के 10 सर्कुलर रोड, नंबर आवास पर शाम के समय गहमागहमी थी। मिलने वाले, देखने वाले और शुभकामना देने वालों का तांता लगा हुआ था। आवास का छोटा दरवाजा सबके लिए खुला था। हम भी 5.36 मिनट पर बैग को बाहर फेंक कर आवास में प्रवेश किये। हाथ में वीरेंद्र यादव न्यूज की कुछ कॉपी ले ली थी। हमने अपना जून अंक लालू यादव के जन्मदिन पर विशेष रूप से प्रकाशित किया है। इसमें कई पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ताओं के आलेख प्रकाशित किये हैं। इस अंक में संसद और विधानमंडल में दिये गये उनके भाषणों को भी प्रकाशित किया गया है। हमने तय किया था कि लालूजी के 75वें जन्मदिन पर जून अंक में उनके शुभेच्छुओं की ओर से 75 शुभकामना विज्ञापन प्रकाशित करेंगे। लेकिन इस लक्ष्य को हासिल करने में हम विफल रहे।
हम आवास में प्रवेश करने के बाद आउट हाउस की ओर बढ़े। मिलने वालों की भीड़ लगी थी। लालूजी को अभिवादन करने के बाद पत्रिका के जन्मदिन विशेषांक की कॉपी उनको दी और वहीं सामने एक कुर्सी पर डट गये। पूरा का एक घंटा वहीं जमे रहे। मिलने वालों का तांता थम नहीं रहा था और मिलने वाला हर व्यक्ति लालूजी के साथ फोटो उतरवाना चाहता था। सुरक्षा में जुटे पुलिस अधिकारी लोगों को लालूजी को स्पर्श करने से मना कर रहे थे, इसके बावजूद कई उत्साही लोग पांव छूने से बाज नहीं आ रहे थे। लालूजी ज्यादा कुछ बोल नहीं रहे थे, लेकिन एकाध फोन पर जरूर शुभकामनाएं स्वीकार की। इसी दौरान मिठाई खाने के आग्रह पर उन्होंने कहा कि रात में सुनील सिंह (एमएलसी) के यहां खाना है। कभी-कभी भीड़ अचानक बढ़ जा रही थी। फोटो की होड़ दिख रही थी। इसी बीच लालूजी ने कहा कि मिठाई खा जा और पानी पीअ जा। केक भी कटल बा, उकरो बांट द।
पूरे एक घंटे के दौरान शुभेच्छुओं का मजमा लगा रहा। कुछ लोग दूर से तो कुछ लोग पास आकर शुभकामनाएं दे रहे थे। फूल और गुलदस्ता के साथ दही, मिठाई, रसगुल्ला से लेकर आम तक लोग लेकर आ रहे थे। एक व्यक्ति ने संविधान की कॉपी भी दी।
मिलने वाले अधिकतर लोगों की अपनी कोई अपेक्षा नहीं थी। वे अभिवादन कर और देखकर ही निहाल हो जा रहे थे। सबकी यही अपेक्षा देख रही थी कि लालूजी एक नजर देख लें। कुछ लोग अपना परिचय भी बता रहे थे, हालांकि अधिकतर लोग प्रणाम करके ही लौट जा रहे थे। इस बीच पूर्व सांसद जयप्रकाश यादव, विधायक विजय सम्राट, रामानुज प्रसाद, बिजेंद्र चौधरी, शशिभूषण सिंह, विधान पार्षद विनोद जयसवाल, पूर्व विधायक मुंद्रिका यादव और शक्ति यादव, प्रवक्ता चितरंजन गगन के अलावा औरंगाबाद के सामाजिक कार्यकर्ता संजय यादव भी शुभकामना देने वालों में शामिल थे।
एक घंटा बाद हम कुर्सी से उठे और कैंपस में ही इधर-उधर लोगों से बातचीत करने लगे। करीब 7 बजे लालूजी वहां से उठकर मुख्य बिल्डि़ंग की ओर बढ़े। हमें इसी पल का इंतजार था। उनकी एक तस्वीर ली। उनके जाने के बाद दो खाजा का निवाला बनाया और दरवाजे से बाहर आ गये।