गुरुवार को विधानमंडल के मॉनसून सत्र का अंतिम दिन था। विधान सभा में एआईएमआईएम के चार विधायकों के राजद के विलय को लेकर दिन भर प्रक्रिया में कांटा अटका रहा। राजद के साथ उसके सहयोगी वामपंथी और कांग्रेस विलय में विलंब को लेकर परेशान भी थे और नाराज भी। उनका कहना था कि जदयू और भाजपा में शामिल होने वाले को तुरंत मान्यता दे दी गयी और राजद में आने के लिए प्रक्रिया और उपस्थिति की दुहाई दी जा रही है।
मान्यता और प्रक्रिया के खेल में हमारी भूख बढ़ती जा रही थी। इसी भागा-भागी में हमने खाना खाया और फिर खबर के पीछे पड़ गये। खबर कोई चोरी गयी गाय नहीं थी, बल्कि ओवैसी की पार्टी से भाग आये विधायकों के ‘खूंटा’ पर बंधने में विलंब की वेदना थी।
हंगामे के बीच भोजनावकाश के पहले की पाली पूरी हो गयी थी। भोजनावकाश के बाद सदन में विपक्ष भी शामिल हुआ, लेकिन थोड़ी देर हंगामे के बाद बाहर निकल गया। विपक्ष विलय की मान्यता में विलंब से नाराज था। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव लॉबी में आकर बैठ गये। रणनीति को लेकर पार्टी के दूसरे नेताओं से बातचीत हो रही थी कि माले के महबूब आलम ने कहा कि हम यहीं समानांतर सदन चलाएंगे, चारों सदस्यों के विलय को मान्यता देंगे और तेजस्वी यादव को सदन के नेता यानी मुख्यमंत्री बनाया जायेगा। थोड़ी ही देर में इस प्रस्ताव पर तेजस्वी यादव ने सहमति दे दी। विधायक अवध बिहारी चौधरी को अध्यक्ष के रूप में कुर्सी पर बैठाया गया। माकपा से सत्येंद्र यादव मार्शल के रूप में पीछे तैनात हो गये।
2.35 बजे लॉबी में सदन की कार्यवाही शुरू हुई। तेजस्वी यादव को सदन का नेता बनाया गया और चारों विधायकों को राजद में विलय की मान्यता दी गयी। इसके बाद 2.44 बजे अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही समाप्त करने की घोषणा की। इसके बाद भी कई नेताओं ने भाषण जारी रखा। इसी क्रम में तेजस्वी यादव ने भी सदन के नेता के रूप में विधायकों को संबोधित किया। उनका संबोधन लगभग ढाई मिनट का था। उनकी संसदीय यात्रा का सबसे छोटा भाषण। 3.03 बजे अध्यक्ष ने दुबारा सदन स्थगित करने की घोषणा की। फिर मिठाइयां भी बांटी गयी। इसी बीच विधान सभा उपसचिव राजीव कुमार ने स्पीकर विजय कुमार सिन्हा का संदेश तेजस्वी यादव को लाकर दिया और सभी सदस्यों के सदन में आने का आग्रह किया। नेता प्रतिपक्ष समेत सभी विपक्षी सदस्य सदन में पहुंचे और कार्यवाही जारी रही। कुछ सदस्य विलय के संबंध में घोषणा करने की मांग कर रहे थे। इस बीच स्पीकर विजय सिन्हा आसन से उठकर अपने चैंबर में गये। उसके बाद तेजस्वी यादव और एआईएमआईएम के चारों विधायक भी स्पीकर के चैंबर में पहुंचे। थोड़ी देर बातचीत के बाद सभी लॉबी में पहुंचे। तेजस्वी यादव भी वहीं बैठे। विपक्षी सदस्यों का सदन में आना-जाना जारी रहा। इधर मुख्य सचेतक ललित यादव स्पीकर चैंबर और विपक्षी लॉबी के बीच ‘संवदिया’ की भूमिका निभा रहे थे। उन्होंने बताया कि मान्यता देने की कागजी प्रक्रिया पूरी की जा रही है। इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी स्पीकर से करीब 15 मिनट तक मुलाकात की। करीब पौने 5 बजे स्पीकर दुबारा आसन पर आये। लॉबी में बैठे तेजस्वी और अन्य विधायक भी सदन में आये। हम भी स्पीकर चैंबर, लॉबी और प्रेस दीर्घा में चक्कर लगाते रहे। स्पीकर ने सदन की कार्यवाही में समापन भाषण के दौरान चारों विधायकों के राजद में विलय की घोषणा की।
स्पीकर की घोषणा से पिछले 27 घंटों से एआईएमआईएम विधायकों के विलय पर लगा अनिश्चय का बादल छंटा और इसके बाद राजद विधायकों की संख्या 76 से बढ़कर 80 हो गयी। उधर, विधान परिषद की कार्यवाही विपक्षी दलों के हंगामे के कारण दोहपर में ही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गयी थी।
28 minat tak CM bane rahe tejswi