वैशाली जिले के राजापाकड़ विधान सभा क्षेत्र से कांग्रेस की विधायक हैं प्रतिमा कुमारी। बीएससी, एलएलबी करने के बाद पहले चौका संभाल रही थीं, फिर चौकी तक पहुंची। वकालत भी करती रही हैं। उन्होंने राजनीति की शुरुआत बसपा से की और कांग्रेस से विधायक बनीं। एक बार वे हाजीपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ चुकी हैं।
वीरेंद्र यादव न्यूज के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि 2007 में बाबा साहेब के परिनिर्वाण दिवस के मौके पर 6 दिसंबर को बसपा में शामिल हुई थीं। इसके साथ राजनीति की राह चल पड़ीं। वे बसपा की वैशाली जिला प्रभारी बनीं, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया। इससे नाराज होकर प्रतिमा कुमारी 2009 में हाजीपुर से निर्दलीय चुनाव लड़ीं और संसदीय राजनीति की प्रक्रिया में पहला कदम बढ़ाया। लोकसभा चुनाव के बाद 2009 में ही उन्होंने कांग्रेस ज्वाईन किया। पार्टी में कई जिम्मेवारियों का निर्वाह किया। प्रदेश सचिव भी बनीं। 2015 में कांग्रेस द्वारा आयोजित गया से भितिहरवा तक की पदयात्रा में शामिल हुईं। 2009 से 2020 तक वे कांग्रेस में राजनीतिक पहचान के लिए संघर्ष करती रहीं। बेहतर मौका का इंतजार था। पार्टी ने 2020 के विधान सभा चुनाव में टिकट दिया और वे कांग्रेस की विधायक बनीं।
अपने राजनीतिक संघर्षों के संबंध में उन्होंने कहा कि राजनीति उनके लिए नया क्षेत्र था। कोई पारिवारिक पृष्ठभूमि नहीं थी। इसके बावजूद परिवार के सहयोग और जनता की भावनाओं का सम्मान करते उन्होंने राजनीति में कदम बढ़ाया। प्रारंभ में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। लेकिन समाज सेवा की प्रतिबद्धता को लेकर आगे बढ़ती रहीं और जनता ने विधायक बनाकर सरोकारों को हासिल करने की ताकत दी।
वे कहती हैं कि विधायक के रूप में कई महत्वपूर्ण कार्य किये हैं। देसरी और सहदेई में 30-30 विस्तरों वाला दो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना की गयी। क्षेत्र में नर्सिंग कॉलेज की व्यवस्था को नियमित और बेहतर बनवाया। 64 सड़कों को चिह्नित कर उनके निर्माण का प्रस्ताव सरकार को भेजा है। प्रतिमा कुमारी ने कहा कि एक विधायक के रूप में जनता की समस्याओं के समाधान का पूरा प्रयास करती हैं। सरकारी सुविधाओं का लाभ आम लोगों तक पहुंचे, इसकी भी कोशिश करती हैं।