बिहार विधान मंडल के विशेष सत्र के दूसरे दिन गुरुवार को विधान परिषद की बैठक हुई। गुरुवार को करीब पौने 12 बजे हम परिषद में विपक्षी लॉबी में पहुंचे। नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी भाजपा के कई सदस्यों के साथ मौजूद थे। थोड़ी देर बाद नवनिर्वाचित सभापति देवेश चंद्र ठाकुर भी लॉबी में आये। सदस्यों से बातचीत की। मुम्बई से उनके एक साथी प्रकाश पाटिल भी आये थे। श्री ठाकुर ने लॉबी में उनका परिचय कराया और बताया कि वे महाराष्ट्र में शिक्षाविद हैं और कई शैक्षणिक संस्थानों का संचालन भी करते हैं। लॉबी में शिक्षा जगत से जुड़े विधान पार्षद दिलीप जयसवाल भी मौजूद थे। एक सदस्य ने कहा कि प्रकाश पाटिल जी दिलीप जयसवाल के लिए मार्गदर्शक साबित हो सकते हैं। इसके बाद हम सत्ता पक्ष की लॉबी में पहुंचे। लॉबी से निकलकर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के चैंबर में पहुंचे। वहां पर राबड़ी देवी विधान पार्षदों के साथ मौजूद थीं। थोड़ी देर में तेजस्वी यादव भी पहुंचे। इस बीच घंटी बजने लगी। विधान पार्षद उठकर हाउस में जाने लगे। तेजस्वी यादव ने कहा कि 5 साल बाद परिषद में जाने का मौका मिल रहा है।
इस बीच भागम-दौड़ के बीच सत्ता के गलियारे से खबर निकलकर आयी कि पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को विधान परिषद में सत्तारूढ़ दल का उपनेता बनाया जा सकता है, जैसे पिछली सरकार में देवेश चंद्र ठाकुर और नवल किशोर यादव सत्तारूढ़ दल के उपनेता थे। नयी सरकार में राबड़ी देवी के साथ जदयू के रामवचन राय को भी उपनेता बनाया जा सकता है। इस संबंध में अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेना है।
इधर, विधान परिषद में सभापति के पदभार ग्रहण के बाद देवेश चंद्र ठाकुर के प्रति सदस्यों ने अपने उद्गार व्यक्त किये। उद्गार व्यक्त करने के दौरान तेजस्वी यादव और सम्राट चौधरी के बीच गरमागरम बहस भी हो गयी। सदन में दोनों नयी-नयी भूमिका में पहली बार अपनी-अपनी कुर्सी पर बैठे थे। सभापति ने सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त किया। वहीं, विधान सभा में अवध बिहारी चौधरी ने अध्यक्ष पद के लिए नामांकन किया, जबकि परिषद में रामचंद्र पूर्वे ने उपसभापति पद के लिए नामांकन किया। दोनों का चुनाव शुक्रवार को होगा। इन पदों पर चुनाव के लिए ही विधान मंडल की बैठक एक दिन यानी शुक्रवार तक के लिए बढ़ायी गयी थी। 1995 से 2000 तक राजद के देवनारायण यादव विधान सभा अध्यक्ष थे। लगभग 22 साल बाद राजद के ही अवध बिहारी चौधरी स्पीकर बन रहे हैं। श्री चौधरी तीसरे यादव स्पीकर होंगे। पहले यादव स्पीकर राम नारायण मंडल थे, जो 11 मार्च, 1969 से 20 मार्च, 1972 तक थे। इसके खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस आया था, लेकिन नोटिस सदन में रखे जाने से पहले ही वापस ले लिया गया था। वैसे गुरुवार को दोपहर में तेज भूख लगी तो साथी अशोक सिन्हा के साथ कैंटीन में लिट्टी –चोखा का आनंद भी लिया।
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