श्री प्रसाद ने कहा है कि एक भी प्रतियोगी परीक्षा कदाचाररहित, पारदर्शी तरीके से कराने में विफल रही सरकार प्रदेश के 88 लाख से ज्यादा शिक्षित बेरोजगारों के सपने को रौंद रही है। नकल माफिया और हर परीक्षा में सेटिंग कराने वाले दलालों को सरकार का संरक्षण हासिल है। इसीलिए बिहार में बीपीएससी से लेकर बीएसएससी तक के पर्चे लीक होते हैं और सरकार करवाई के नाम पर लीपापोती कर मामले को दबा देती है।
उन्होंने कहा कि जब बीएसएससी की 23 और 24 दिसम्बर, 2022 को हुई तीन पालियों में से दो के पर्चे लीक हुए तो फिर एक ही पर्चा को क्यों रद्द किया गया? परी परीक्षा रद्द करने की मांग पर लाठी चलवाने वाली सरकार क्या सेटरों और परीक्षा दलालों का मनोबल नहीं बढ़ा रही है?
दरअसल हर एक प्रतियोगी परीक्षा में सत्ता-संरक्षण में करोड़ों की वसूली होती है। परीक्षा के पहले से ही यह नेक्सेस सक्रिय हो जाता है। सरकार के भ्रष्ट पदाधिकारियों की मिलीभगत से हर परीक्षा सवालों, सन्देहों के घेरे में आ जाती है। ऐसे में सरकार को अभ्यर्थियों की मांगें मानकर पूरी परीक्षा को रद्द कर देना चाहिए।