श्री सिन्हा ने कहा कि पूर्णिया में गणतंत्र दिवस के दिन खुलेआम पाकिस्तानी झंडा फहराया जा रहा है तो किसी महिला को बलात्कार से बचने के लिए चलती बस से छलांग लगाने के लिए विवश होना पड़ता है। मगर इन सबके बावजूद सत्ता-शीर्ष को शर्म महसूस नहीं हो रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार का प्रशासनिक तंत्र बालू-दारू के खेल में उलझा हुआ है। लाखों लीटर शराब की प्रतिदिन आवक के बावजूद पुलिस सौ-पचास लीटर शराब बरामद कर अपनी पीठ खुद थपथपा रही है। 17 वर्षों से गृहमंत्रालय का जिम्मा सम्भाले मुख्यमंत्री कानून-व्यवस्था की खस्ताहाली से आंखें मूंदे हुए हैं। प्रशासन पर मुख्यमंत्री की कोई पकड़ नहीं रह गई है। खेमे में बंटे प्रशासनिक अमले की निष्ठा मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के दो पाटों में बंटी हुई है।
उन्होंने कहा कि जनादेश का अपमान कर जनता का भरोसा खो चुके मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपना घर (दल) तो सम्भल नहीं रहा है, बिहार की समस्या के समाधान का ढोंग कर जनता को झांसा दे रहे हैं। नैतिक बल खो चुके नीतीश कुमार से अब बिहार का भला नहीं होने वाला है।