नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने दरभंगा में सम्पन्न हुई भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के बाद कहा कि सुशासन विरोधी व विकास में भ्रष्टाचार की मानसिकता को बदलने तथा सामाजिक सद्भाव व शांति के साथ सांस्कृतिक विरासत के विकास का भाजपा ने संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र प्रायोजित विकास योजनाओं में भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चलाने का भी निर्णय लिया गया है।
श्री सिन्हा ने कहा कि समाज के विश्वास को बनाए रखने के साथ ही नकारात्मक मानसिकता के लोगों से मुक्ति के संकल्प भी लिए गए है। आगामी लोकसभा व बिहार विधान सभा का चुनाव भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपने दम पर लड़ेगी और जनता के आशीर्वाद से देश व बिहार में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगी। नीतीश कुमार को प्रदेश की जनता रिजेक्ट कर चुकी है। 2020 के बिहार विधान सभा चुनाव में नीतीश कुमार अगर भाजपा के साथ नहीं होते तो उनके दल को 10 सीटें भी हासिल नहीं होती। देश व बिहार की जनता को यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से उम्मीदें व भरोसा है।
श्री सिन्हा ने कहा कि नीतीश कुमार की पूरी राजनीति दूसरों के कंधों पर चढ़ कर हुई है। नीतीश कुमार की फितरत रही है कि जिसने उनको आगे बढ़ाया, साथ दिया, उसी को उन्होंने धोखा दिया। 2013 में उन्होंने भाजपा को धोखा देकर राजद से गठजोड़ किया था। फिर दुबारा नीतीश कुमार 2022 में जनता के जनादेश का अपमान कर ‘जंगल राज’ के प्रतीक राजद की गोद में जाकर बैठ गए।
उन्होंने कहा कि हकीकत यह है कि 2020 का बिहार विधानसभा चुनाव भाजपा-जदयू साथ मिलकर लड़ी थी और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने चुनाव के पहले ही नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर दिया था। भाजपा ने तो नीतीश कुमार के दल को 44 सीटों पर सिमटने के बावजूद अपना वादा निभाया,मगर नीतीश कुमार ने दगा दिया। जनता के बीच अब नीतीश कुमार की कोई विश्वसनीयता नहीं है।
उन्होंने कहा कि मात्र 7 सदस्यों वाले नेता नीतीश कुमार को पहली बार 2000 ई. में भाजपा ने ही मुख्यमंत्री बनाया था। अटल बिहारी वाजपेयी जी की केन्द्र की सरकार में रेल व कृषि जैसे बड़े मंत्रालय देकर नीतीश कुमार का कद भाजपा ने बढ़ाया। भाजपा ने हमेशा पूरी निष्ठा के साथ नीतीश कुमार का साथ दिया, मगर जब-जब मौका मिला नीतीश कुमार ने भाजपा की पीठ में छुरा भोंका। विश्वासधात करना शुरू से ही नीतीश कुमार आदत और फितरत रही है।