पूर्व उप मुख्यमंत्री सह पूर्व वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि वर्ष 2023-24 के बजट में समाज के सभी तबकों के सर्वांगीण विकास का संकल्प है। उन्होंने कहा कि सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास’ के जरिए ‘जनभागीदारी’ की जरूरत को मजबूत करने वाला यह बजट है जो अमृतकाल में सशक्त भारत की नींव को और पुख्ता करेगा।
श्री प्रसाद कहा कि यह बजट कृषि व किसान हितैषी है। अमृतकाल के पहले वर्ष के इस बजट में फार्म इनपुट मार्केट इंटेलिजेंस और एग्रीटेक स्टार्टअप्स के लिए एक्सीलेटर फंड से कृषि से जुड़े युवा उधमियों को आकर्षित करने में बड़ी सफलता मिलेगी। इससे लाभदायक कृषि पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करेगा। आगामी 3 वर्षों में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने का निर्णय से बिहार जैसे राज्यों को काफी लाभ मिलेगा। जलवायु परिवर्तन के दौर में यह प्रकृति के संरक्षण एवं नागरिकों के पोषण को सुनिश्चित करने की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण कदम है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी की सरकार द्वारा प्रारंभ ‘प्रणाम’ कार्यक्रम वैकल्पिक खादों एवं रासायनिक खादों के सही एवं उचित इस्तेमाल के लिए प्रेरणा देगा। इससे मृदा की गुणवत्ता सुधरेगी, धरती माता को भी पोषण प्राप्त होगा और हमारे किसान भी खुशहाल बनेंगे।
उन्होंने कहा कि कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये करने से बिहार जैसे कृषि प्रधान राज्य के किसानों को अत्यंत आवश्यक वित्त उपलब्ध होगा और खाद्यान्न उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने कहा, “पीएम मोदी के नेतृत्व में वित्त मंत्री ने जो बजट पेश किया है उससे 140 करोड़ भारतवासियों का जीवन बेहतर और खुशहाल होगा। ‘सबका साथ, सबका प्रयास’ के जरिए ‘जनभागीदारी’ की जरूरत को समझते हुए छात्र, नौजवान, महिला, किसान, बुजुर्ग, शहरी-ग्रामीण नागरिक सभी को कुछ न कुछ दिया गया है। बुजुर्ग और महिलाओं का विशेष ध्यान रखा गया है। गांव और गरीबों की आर्थिक हालत मजबूत करने के लिए बजट के जरिए अनेक पहल की घोषणा प्रधनमंत्री जी के संकल्प से सिद्धि तक को जमीन पर साकार करने का व्यवहारिक उपक्रम है।
उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान 28 महीने तक सरकार ने 80 करोड़ लोगों के लिए फ्री राशन की व्यवस्था की है। सरकार की ओर से इसके लिए दो लाख लाख करोड़ खर्च किए हैं। देश में प्रति व्यक्ति आय 1.97 लाख रुपये तक पहुंच गई है जो एक बड़ी उपलब्धि है।
उन्होंने कहा कि मजबूत वित्तीय क्षेत्र के निर्माण के साथ व्यैक्तिक आयकर की सीमा-छूट को बढ़ाकर पीएम ने इसे सर्वस्पर्शी बनाने का जो संकल्प दिखाया है, उससे सम्पूर्ण देशवासी आह्लादित है। नई कर व्यवस्था में 7 लाख रुपये तक की आय पर छूट दी गई है जो मध्यमवर्ग व वेतनभोगी के हित से सीधा जुड़ा हुआ है। टैक्स स्लैब व आयकर रिटर्न की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव भी स्वागतयोग्य है।
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार वरिष्ठ नागरिक बचत योजना निवेश सीमा को दोगुना कर 30 लाख रुपये करना वरिष्ठ नागरिकों को समाज में उनके योगदान के लिए प्रधानमंत्री मोदी जी का उपहार है। इससे उन्हें अपनी दैनिक जरूरतों, चिकित्सा और तीर्थ यात्रा के खर्चों को पूरा करने के लिए उच्च लाभ अर्जित करने में मदद मिलेगी।
एमएसएमई सेक्टर को दी गई राहत से न केवल रोजगार का दायरा बढ़ेगा, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भी मजबूती आएगी। किसान व गांवों के चतुर्दिक विकास के लिए की गई पहल से भारत नई समृद्धि का इतिहास रचेगा। पूंजीगत व्यय बजट को 33% बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये करने से बुनियादी ढांचे को बढ़ावा मिलेगा, भारत की विकास क्षमता को बढ़ावा मिलेगा और नौकरियां पैदा होंगी। पूंजी निवेश परिव्यय में वृद्धि से अर्थव्यवस्था में बहुगुणित प्रभाव पड़ेगा।