बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री विजय कुमार सिन्हा ने महागठबंधन के नेताओं के भड़काऊ बयान पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि 2024 में अपनी हार की आहट से ये तिलमिला गये हैं और वोटों की ध्रुवीकरण के लिए अनाप शनाप बयान दे रहे हैं।
श्री सिन्हा ने कहा कि महागठबंधन के शीर्ष नेताओं श्री नीतीश कुमार औऱ श्री तेजस्वी यादव के इशारे पर जदयू औऱ राजद के नेताओं में उल जलूल बयान देने की होड़ मची हुई है।राज्य की जनता इनके पिछले 6माह के शासन से परेशान औऱ भयभीत हो गई है। इनसे छुटकारा पाने के लिए जनता ने मन बना लिया है। अब बलियावी रामदेव बाबा और पीएम मोदी पर अमर्यादित बयान दे रहे हैं।मंत्री चंद्रशेखर ने हिंदू धर्म के ग्रंथों पर विवादास्पद बयान दे कर उन्माद फैलाने की कोशिश की कड़ी में ही मंत्री आलोक मेहता का सवर्णों को अपमानित करने का बयान था। दरअसल ये बयानबाजियां संयोग नहीं, महागठबंधन के वोटों के ध्रुवीकरण का प्रयोग है।
श्री सिन्हा ने कहा कि सनातन धर्म को अपमान, निराशा एवम घृणा के कालखंड से निकाल कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सम्मान एवं आदर के आवरण में ला दिया है। इसके चलते तथाकथित धर्मनिरपेक्ष एवं जातिवादी दल परेशान हो गए हैं। 2024 के चुनाव में राज्य की जनता महागठबंधन की दुकान में ताला लगाने जा रही है।
श्री सिन्हा ने कहा कि अब नीतीश कुमार में यह हिम्मत नहीं है कि वे इन बेतुका बयानों पर रोक लगा सकें। पटना जिला के फुलवारी, खगौल एवं सम्बलपुर के बड़े व्यापारी विनय सिंह से खुलेआम रंगदारी मांगने की घटना दर्शाती है कि बिहार अब 2005 के पूर्व के पीरियड में पहुंच गया है।
श्री सिन्हा ने कहा कि राज्य में विधायिका औऱ न्यायपालिका को हरसम्भव डराने और अपमानित करने की कोशिश कार्यपालिका के द्वारा की जा रही है।अगर यही हाल रहा तो नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव राज्य में संविधान को कमजोर एवं लोकतंत्र को खत्म कर गुंडाराज स्थापित कर फिर से बिहार को 90 दशक में पहुंचाना चाहते है।