जुलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, (भारत सरकार) एवं पटना विश्वविद्यालय, पटना के साथ समझौता ज्ञापन (एमo ओoयुo) पर हस्ताक्षर किया गया। इस हस्ताक्षर के अंतर्गत पटना विश्वविद्यालय के किसी भी कॉलेज के प्राणी विभाग के एवं पर्यावरण विभाग के छात्र-छात्राएँ जुलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के वैज्ञानिकों के सह निर्देशन में शोध करेंगे एवं अपनी थीसिस लिखेंगे।
इस ज्ञापन में अन्य शैक्षणिक कार्यक्रमों का आदान प्रदान भी होगा। इस क्रम में पटना विश्वविद्यालय के किसी भी कॉलेज के प्राणीशास्त्र विभाग एवं पर्यावरण विभाग से सम्बन्धित किसी भी टॉपिक पर पी.जी.आर.सी. (PGRC), पोस्ट ग्रेजुयेट रिसर्च कमीटी की स्वीकृति एवं जुलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की सहमति के बाद टॉपिक का चुनाव होगा तब थीसिस कि प्रक्रिया शुरू होगा।
इस अवसर पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. गिरीश कुमार चौधरी, प्रति कुलपति प्रो. डॉ. अजय कुमार सिंह, कुलसचिव कर्नल कामेश कुमार, संकायाध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार, कुलानुशाशक डॉ. रजनीश कुमार, प्रिंसिपल एवं संकायाध्यक्ष पटना सायंस कॉलेज, प्रो. आर. के. मंडल के साथ-साथ जुलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, पटना के प्रभारी अधिकारी एवं वैज्ञानिक ई एवं मनीष चन्द्र पटेल उपस्थित थे।
इस अवसर पर पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. गिरीश कुमार चौधरी ने ख़ुशी व्यक्त करते हुए कहा कि आज का दिन पटना विश्वविद्यालय के लिए ऐतिहासिक दिन है जब भारत सरकार के संस्थान जुलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया एवं पटना विश्वविद्यालय के साथ समझौते पर हस्ताक्षर हुआ है इससे शैक्षणिक गतिविधियायाँ बढ़ेगी तथा शोध के नए-नए आयाम उभर कर सामने आयेंगे।
समझौता ज्ञापन, पटना विश्वविद्यालय के कुलपति के कार्यालय में पटना विश्वविद्यालय के कुलसचिव, कर्नल कामेश कुमार एवं डॉ. गोपाल शर्मा, वैज्ञानिक ई एवं प्रभारी अधिकारी, भारतीय प्राणी सर्वेक्षण, पटना के संयुक्त हस्ताक्षर से किया गया।