वाणिज्य मंत्रालय, भारवाणिज्य मंत्रालय, भारत सरकार के ओडीओपी-डीइएच (ODOP–DEH) (एक जिला एक उत्पाद डिस्ट्रिक्ट्स एस एक्सपोर्ट हब्स) द्वारा भारतीय ‘ओडीओपी डीईएच संपर्क मीडिया कार्यक्रम’ का आयोजन आज प्रेस इन्फोर्मेशन ब्यूरो के सहयोग से विकास भवन स्थित उधोग विभाग पटना के सभागार में किया गया।
इस अवसर पर 52बूटी हस्तशिल्प के लिए ‘पद्मश्री2023’ के लिए चयनित नालंदा जिले के कपिल देव प्रसाद ने कहा कि स्थानीय उत्पादों के लिए सरकारी संरक्षण बहुत जरूरी है ताकि उत्पाद को बढ़ावा मिल सके। श्री प्रसाद ने कहा कि उत्पादों के बाजार के लिए बिक्री केंद्र का होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि खादी पर छूट है लेकिन दूसरे हस्तशिल्प और उत्पादों पर छूट नहीं है, ऐसे में दूसरे उत्पादों को काफी संघर्ष करना पड़ता है। हस्तशिल्प काफी महंगे होते हैं इसलिए इन्हें बाजार जल्द नहीं मिलता ऊपर से मशीन के युग में हस्तशिल्प को काफी संघर्ष करना पड़ रहा है। श्री प्रसाद ने कहा कि सरकारी पहल से अगर हमें भी मशीन मिल जाए तो हम भी संघर्ष में आगे आ जाएंगे। उन्होंने 52बूटी उत्पादों के लिए जी आई टैग की पहल की मांग सरकार से की।
मौके पर विवेक रंजन मैत्रीय, निदेशक, खाद्य प्रसंस्करण, उद्योग विभाग, बिहार सरकार ने कहा कि जिले के उत्पादों को एक प्लेटफॉर्म पर लाना ‘एक जिला एक उत्पाद योजना’ की पहल है। उन्होंने कहा कि जिले के उत्पादों का निर्यात कुछ राज्य और जिले तक ही सीमित था लेकिन इस योजना की पहल से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पटल पर जिले के कई उत्पादों की पहुंच बनी है। श्री मैत्रीय ने कहा कि बिहार के कई उत्पाद आज अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी पहचान बना चुके हैं और उत्पादों को पहचान बनाने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि पहले उत्पादों को उचित मूल्य नहीं मिलता था लेकिन इस योजना से उत्पादकों को उचित मूल्य मिलने लगा है। उन्होंने मीडिया कर्मियों से आह्वान किया कि जिले के ऐसे उत्पाद को और इस योजना को प्रचारित प्रसारित करें ताकि उत्पादक लाभ का फायदा उठा सकें।
वहीँ, पीआईबी के निदेशक आशीष लकरा ने कहा कि हर जिले का अपना एक खास उत्पाद होता है लेकिन हम लोग नहीं जानते हैं, जरूरत है उन्हें सामने लाने की, ऐसे में एक जिला एक उत्पाद योजना मील का पत्थर सबित हो रहा है। यह योजना जिले के छोटे उत्पादकों को एक बाजार उपलब्ध कराता है। उन्होंने मीडिया बंधुओं से आग्रह किया कि वे एक जिला एक उत्पाद योजना को ज्यादा से ज्यादा प्रचारित- प्रसारित करें ताकि किसान और शिल्पकार योजना का फायदा उठा सकें। जबकि प्रेस इनफॉरमेशन ब्यूरो के उप निदेशक संजय कुमार ने कहा कि किसी भी योजना को प्रचार प्रसार में मीडिया की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है, अगर मीडिया लोक स्तर के उत्पाद और उत्पादकों को खबरों में जगह दें तो उन्हें फायदा होगा ।
प्रेरणा प्रेयसी, ओडीओपी-डीइएच, नई दिल्ली ने कार्यक्रम के पूर्व विस्तार से ओडीओपी के बारे में बताया और कहा कि यह योजना किसानों और उत्पादकों का आर्थिक विकास हो इस पर केन्द्रित है । उन्होंने कहा उत्पादों को ज्यादा बाजार मिले इसकी भी पहल की जाती है। इस योजना का उद्देश्य है कि कार्यक्रम का उद्देश्य एक जिला एक उत्पाद,(डिस्ट्रिक्ट्स एस एक्सपोर्ट हब्स) टीम देश भर में और वैश्विक स्तर पर भारत के उत्पादों की सफलता की कहानियों को लेकर अखिल भारतीय ‘ओडीओपी डीईएच संपर्क-मीडिया कार्यक्रम’ आयोजित करना है।
वहीँ, सोनल चौधरी, (ओडीओपी-डीइएच), नई दिल्ली ने कहा कि पीआईबी के सहयोग से अब तक छह राज्यों में यह कार्यक्रम हो चुका है । बिहार में यह सातवां कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि ‘ओडीओपी डीईएच-पीआईबी संपर्क मीडिया कार्यक्रम’ का उद्देश्य मीडिया को भारत के विभिन्न जिलों के उत्पादों के बारे में जागरूक करना और इसे किसानों से रुबरु कराना है जिनकी जिंदगी ओडीओपी के माध्यम से बदल गयी साथ ही किसानों, स्थानीय उत्पादकों और शिल्पकारों को सशक्त बनाना है।
मौके पर उद्योग विभाग के सहायक निदेशक मुकेश रंजन ने कहा ताकि सरकार उत्पादों को को बाजार देने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। वही, उद्योग विस्तार अधिकारी, नंदकिशोर यादव ने कहा कि एक जिला एक उत्पाद योजना को और विस्तार करने के लिए सरकार पहल कर रही।
‘ओडीओपी डीईएच-पीआइबी संपर्क मीडिया कार्यक्रम’ के दौरान बिहार के विभिन्न जिलों से आये उत्पादकों ने अपने-अपने उत्पादों को प्रदर्शित किया।