प्रदेश जदयू अध्यक्ष श्री उमेश सिंह कुशवाहा ने राष्ट्रीय लोक जनता दल अध्यक्ष श्री उपेन्द्र कुशवाहा की ‘‘विरासत बचाओ नमन यात्रा’’ के संदर्भ में कहा है कि श्री उपेन्द्र कुशवाहा विरासत बचाने के नाम पर अपने महत्वाकांक्षा की रोटी सेंकने की हास्यास्पद कोशिश करने जा रहे हैं।
उन्हें पहले ये बताना चाहिए कि मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी ने समाजवाद की विरासत को जो नई ऊँचाई और नया आयाम देने का काम किया उसे अपनी व्यक्तिवादी सोच से धूमिल और कमजोर करने की नापाक कोशिश कर वो आखिर किस विरासत को बचाने की बात कर रहे हैं? क्या साम्प्रदायिक शक्तियों के हाथों की कठपुतली बनकर वे हमारी गंगा-जमुनी विरासत को बचा पाएंगे? बिहार की प्रबुद्ध जनता को बरगलाने की वे लाख कोशिश कर लें, उन्हें निराशा ही हाथ लगेगी।
श्री उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली है कि अपनी यात्रा के दौरान श्री उपेन्द्र कुशवाहा हर जिले में किन्हीं महापुरुष के स्मारक पर जाकर उन्हें नमन करेंगे। मेरी उनको सलाह होगी कि नमन करने साथ ही वे लगे हाथ उन महापुरुषों से क्षमा भी मांग लें कि उन्होंने गांधी, जेपी, लोहिया, बाबासाहेब अंबेडकर और जननायक कर्पूरी ठाकुर के आदर्शों पर चलने वाली पार्टी जदयू के साथ छल किया है। इतना ही नहीं, उन्होंने श्री नीतीश कुमार जैसे व्यक्ति के साथ विश्वासघात किया, जिन्होंने राजनीति में उन्हें पहचान दी, पार्टी में बड़ा स्थान दिया और कभी स्नेह और सम्मान देने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
श्री उमेश सिंह कुशवाहा ने आगे कहा कि श्री उपेन्द्र कुशवाहा ने जदयू के लाखों कार्यकर्ताओं और समर्थकों को लज्जित और अपमानित करने का काम किया है। उन्हें ‘‘विरासत बचाओ नमन यात्रा’’ की जगह ‘‘विश्वासघात प्रायश्चित यात्रा’’ करनी चाहिए।