भाजपा विधानमंडल दल के नेता श्री विजय कुमार सिन्हा ने शुक्रवार को नमाज के बाद पटना जंक्शन के पास अवस्थित मस्जिद के बाहर कुछ लोगों द्वारा आतंकी अतीक अहमद के पक्ष में बयान और नारा लगाने की घटना पर प्रतिक्रिया देते कहा है कि यह महागठबंधन सरकार की तुष्टीकरण नीति का ही परिणाम है।
श्री सिन्हा ने कहा कि आतंकवादी अतीक को शहीद कहने वाले लोग ने इस देश के लाखों शहीदों का अपमान किया है। पुलिस सुरक्षा कर्मी की मौजूदगी में देश के प्रधानमंत्री इंन्दिरा गाँधी और पूर्व प्रधानमंत्री श्री राजीव गाँधी की भी हत्या कर दी गई थी।अतीक के मामले में संविधान की हत्या का आरोप लगाने वाले को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि क्या प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्री की पुलिस सुरक्षा में हत्या मामले में संविधान की क्या भूमिका थी? पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल के ऐसे सैकड़ों मामले हैं जिसमें पुलिस की मौजूदगी में लोगों की सरेआम हत्या कर दी गई। लेकिन अब जानबूझकर राजनीतिक फायदे के लिए वर्तमान सरकार पर दोषारोपण किया जा रहा है। ऐसे लोगों को तो यह समझना चाहिए कि 1979 से अपराध की दुनिया में दाखिल अतीक जुर्म की दुनिया का बादशाह बन चुका था सैकड़ों परिवार को उजाड़ने वाला व्यक्ति अब खास राजनीतिक दलों का रोल मॉडल बन चुका है।
श्री सिन्हा ने कहा कि उपमुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में आतंकी अतीक अहमद को अतीक जी कहा। जदयू राजद एवं महागठबंधन के लोगों ने इसके द्वारा पहले पूर्व में राजूपाल विधायक, फिर उमेश पाल की हत्या कराने पर कोई शोक संवेदना व्यक्त नहीं की। प्रयागराज इलाके का यह दबंग सभी वर्गों का जमीन एवं मकान कब्जा कर लेता था। देश को याद है कि किस प्रकार कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह ने आतंकी ओसामा बिन लादेन को अमेरिका द्वारा मार गिराए जाने के बाद ”ओसामा” जी कहकर संबोधित किया। ये इनलोगों का पुराना इतिहास है। देश में अल्पसंख्यक के वोट लेने के चक्कर में सही गलत का फर्क करना ये भूल गए है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बिहार पुलिस को शीघ्र अतीक अहमद के पक्ष में नारा लगाने वालों पर कार्रवाई करनी चाहिए। यह मामला संवेदनशील एवं गंभीर है। ऐसे ही तत्व सासाराम और राजगीर में हिंसा आगजनी और दूसरे समुदाय के लोगों की हत्या के लिए उकसाते आते हैं और साम्प्रदायिकता के आधार पर घृणा-द्वेष फैलाकर अपना धंधा चमकाते है।