कर्नाटक बिधान सभा चुनाव में भाजपा की करारी हार, उसकी कारपोरेट पक्षी आर्थिक नीतियों एवं सांप्रदायिक फासीवादी विचारधारा की हार है। कर्नाटक के मतदाताओं ने भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों को ठुकराकर यह संकेत दिया है कि आगामी लोकसभा चुनाव में भी भाजपा का यही हश्र होगा।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय ने यह बयान जारी करते हुए आज यहाँ कहा कि भाजपा ने कर्नाटक के मतदाताओं को गुमराह करने के लिए अनेक तरह की धार्मिक भावनाओं को उकसाया, लेकिन वहां के मतदाताओं ने उच्च स्तर पर भष्टाचार, बेरोजगारी, महंगाई जैसे अहम मुद्दे को ही चुनाव का मुख्य मुद्धा बनाया।
रामनरेश पाण्डेय ने कहा कि प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की तथाकथित करिश्मई छवि की चमक भी जन विरोध की आंधी में फिंकी पड़ गई। कर्नाटक का विधान सभा चुनाव लोकसभा चुनाव 2024 का सेमीफाइन माना जा रहा था। भाजपा की टीम सेमीफाइनल हार गई। अब लोकसभा का फाइनल जीतने के भाजपा के सपनों पर पानी फिर गया है।