भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिवमंडल शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षक आंदोलन को लेकर निकाले गये पत्र से हतप्रभ है। राज्य सचिवमंडल ने कहा कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव द्वारा जारी पत्र की समीक्षा की जानी चाहिए। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने शिक्षक नियुक्ति नियमावली 2023 को लेकर वामपंथी दलों माकपा और भाकपा माले के साथ मिलकर महागठंबधन में शामिल अन्य दलों राजद, जदयू, कांग्रेस और हम के नेताओं से मुलाकात की। वामदलों का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार एवं उप मुख्यमंत्री श्री तेजस्वी प्रसाद यादव से मिलकर शिक्षक की मांगों को रखेगा।
भाकपा राज्य सचिव कॉमरेड रामनरेश पाण्डेय ने कहा कि नियोजित शिक्षक अपनी मांगों को लेकर आंदोलन की घोषणा की है, जो संवैधानिक और लोकतांत्रिक है। राज्य सरकार को चाहिए कि वे कार्रवाई करने के बजाए शिक्षक संगठन के प्रतिनिधियों से वार्ता कर उनकी मांगों पर सहानूभूतिपूर्वक विचार करे। नई शिक्षक नियमावली 2023 सातवें चरण के शिक्षक बहाली के अभ्यर्थियों और वर्षो से बिहार सरकार में अपनी सेवा दे रहे नियोजित शिक्षकों के लिए निराश करने वाला है। सातवें चरण के शिक्षक अभ्यर्थियों को इस प्रक्रिया से मुक्त रखा जाना चाहिए और उन्हें पुराने तरीके से नियोजित किया जाना चाहिए। सरकार ने 2019 में एसटीईटी परीक्षा को बतौर प्रतियोगी परीक्षा आयोजित किया था, लेकिन बाद में उसे महज पात्रता परीक्षा कहने लगी। का० सचिव ने कहा कि सातवें चरण के शिक्षक अभ्यर्थियों में पहले से हीं काफी आक्रोश है। इस बीच सीटीईटी-एसटीईटी-बीटीईटी की परीक्षाएं भी ली गई है। नई शिक्षक नियमावली 2023 में बीपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षा में उर्तीण होने की शर्त पर शिक्षकों को सरकारी कर्मी का दर्जा दिए जाने का प्रावधान है, जो विगत कई वर्षों से स्कूलो में कार्यरत नियोजित शिक्षकों के लिए कहीं से जायज नहीं है।