पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि 2000 रुपये के नोट का चलन बंद करने का केंद्र सरकार का निर्णय कालाधन और टेरर-फंडिंग पर दूसरा सर्जिकल स्ट्राइक है। श्री मोदी ने कहा कि वर्ष 2016 में जब हजार-पांच सौ के नोट बंद किए गए थे, तब विपक्ष में रहते हुए नीतीश कुमार ने इस कदम का समर्थन किया था।
उन्होंने कहा कि यदि नीतीश कुमार ने भ्रष्टाचार और कालेधन से समझौता नहीं किया हो, तो उन्हें नोट बदली के ताजा फैसले का भी समर्थन करना चाहिए।
श्री मोदी ने कहा कि अमेरिका- यूरोप जैसी किसी भी बड़ी अर्थव्यवस्था में 100 से बड़े अंक की मुद्रा नहीं चलती।
उन्होंने कहा कि 2016 की नोट बंदी के बाद तात्कालिक आवश्यकता को देखते हुए दो हजार रुपये के नोट जारी किये गए थे।
श्री मोदी ने कहा कि लोग पहले ही सामान्य लेन-देन में दो हजार रुपये की बड़ी मुद्रा से बचते थे । इसे वापस लेने की बैंकिंग प्रक्रिया भी चल रही थी, इसलिए नोट-बदली से जनता को कोई कठिनाई नहीं होगी।