वीरेंद्र यादव न्यूज और birendra yadav foundation ने 1 से 6 अगस्त के बीच राज्य व्यापी राजनीतिक सर्वे का आयोजन किया था। इसमें हमने सभी 40 लोकसभा सीटों पर विभिन्न पार्टी के दावों और उम्मीदवारों की दावेदारी को लेकर स्थानीय लोगों, पत्रकारों और अपने संपर्क के लोगों से बातचीत की। इसके लिए अपने सर्वेयर साथियों को भी लगाया था। विभिन्न लोकसभा क्षेत्र के डाटा और आकलन का विश्लेषण किया जा रहा है।
— वीरेंद्र यादव न्यूज और वीरेंद्र यादव फाउंडेशन का संयुक्त सर्वे —
इस दौरान एक बात बड़ी स्पष्टता से दिखायी दी कि वर्तमान लोकसभा सदस्यों को उसी क्षेत्र के पूर्व सांसदों या उम्मीदवारों से चुनौती मिल रही है। मतलब दावेदार के रूप में पूर्व सांसद पार्टियों के लिए ज्यादा भरोसमंद माने जा रहे हैं। अभी लोकसभा में भाजपा के 17, जदयू के 16, कांग्रेस के एक और लोजपा कुनबा के छह सांसद हैं। स्थानीय लोग 40 में से 10 सांसदों का टिकट उसी पार्टी से कंफर्म मान रहे हैं। 30 अन्य सांसदों की उम्मीदवारी पर संदेह के बादल मडरा रहे हैं। कुछ दूसरी पार्टी के लिए खिड़की-दरवाजा खोलकर रख रहे हैं।
इसमें एक नया ट्रेंड दिखा कि बड़ी संख्या में विधायक और कुछ विधान पार्षद भी अपनी-अपनी पार्टी की ओर से अपने अनुकूल सीट के लिए दावा ठोक रहे हैं। कुछ विधायक अपनी ही पार्टी के सीटिंग सांसद की जड़ में मट्ठा डाल रहे हैं। उनकी विफलता गिना रहे हैं और अपने जीतने के तर्क भी बता रहे हैं।
वीरेंद्र यादव न्यूज अपने सबसे बड़े और सबसे पहले राजनीतिक सर्वे की रिपोर्ट अपने अगस्त अंक में प्रकाशित कर रहा है। इसमें हम दावेदारों के नाम भी गिनाएंगे। दावेदारों में राजनीति में एकदम फ्रेश चेहरा कोई नहीं है। सिर्फ संगठन में काम करने वाले लोगों को कोई भी उम्मीदवार मानने का तैयार नहीं है। यह सभी पार्टी की स्थिति है। दावेदारी में आर्थिक ताकत भी देखी जा रही है। डोमिनेंट कास्ट और विनेबल कंडीडेक्ट पर आम लोगों ने भी भरोसा जताया। जाति से बलवान और माल से धनवान सभी पार्टियों की प्राथमिकता में होंगे।
वीरेंद्र यादव न्यूज के अगस्त अंक में बहुत कुछ पढ़ने को मिलेगा। अगस्त अंक हमारा स्वतंत्रता दिवस विशेषांक होगा। इस विशेषांक के लिए हम अपने शुभेच्छुओं से शुभकामना विज्ञापन का आग्रह भी करते हैं। धन्यवाद।
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