यूट्यूब मतलब बकवास खबरों की खांची। उसमें एक खबर आपके काम की नहीं होती है, एक भी खबर आपके सरोकार की नहीं होती है। फिर भी आप अपना फालतू समय यूट्यूब पर फालतू में बर्बाद करते हैं। क्योंकि निकम्मे और बेरोजगार लोगों का सबसे बड़ा रोजगार है यूट्यूब देखना। इसमें ही उनका दिन कटता है। जिनके पास काम होगा, उनके पास यूट्यूब देखने का वक्त ही नहीं होगा। आपकी निकम्मेपन और बेरोजगारी से यूट्यूब वालों का रोजगार चलता है। आपके देखने से ही उनकी दुकान संवरती है। आपने खुद को गोबर बना रखा है, जो यूट्यूब वालों के लिए वर्मी कम्पोस्ट का काम करता है। आप इस गोबर बाजार से निकलिए, यूट्यूब से रिश्ता से छोडि़ये। इसके बजाये वीरेंद्र यादव न्यूज से नाता जोडि़ये।
यूट्यूब बाजार है, जिसमें आप व्यूवर्स हैं। इसमें आपकी औकात लाइक्स और सब्सक्राइबर्स तक सीमित है। इसके विपरीत वीरेंद्र यादव न्यूज आपका सरोकार है, जिसके आप पाठक हैं, शुभेच्छु हैं। हम आपकी जरूरत और सरोकार के अनुकूल खबर देते हैं, खबर तलाशते हैं, खबर परोसते हैं। हमारे हर एक शब्द के पीछे आपकी संवेदना छुपी होती है, आपका परिवेश समाहित होता है। और सबसे बडी़ बात है कि हम आपके मुद्दों को लेकर खड़े होते हैं, आपका पक्ष रखते हैं। आपके साथ आपके घर-परिवार में शामिल होते हैं।
वीरेंद्र यादव न्यूज मासिक पत्रिका के साथ हर दिन अपने पोर्टल birendrayadavnews.com के माध्यम से आप तक खबरें पहुंचाता है। आपकी खबर सही वक्त पर पाठकों तक पहुंचाता है। वीरेंद्र यादव न्यूज आपके हर दिन की जरूरत को समझता है और उसके अनुसार खबर की तलाश करता है। वीरेंद्र यादव न्यूज की खबरों को पढ़ते हुए आप खबरों के साथ जी रहे होते हैं, आपकी संवेदनाएं झंकृत हो रही होती हैं। यह आनंद और अनुभूति का अहसास सिर्फ वीरेंद्र यादव न्यूज के साथ कर सकते हैं।
वीरेंद्र यादव न्यूज की सबसे बड़ी विशेषता है कि वह आपसे मिलने वाले अनुदान और विज्ञापन की राशि से पिछले 8 वर्षों से लगातार प्रकाशित हो रहा है। यह न यूट्यूब जैसे विदेशी बाजार पर निर्भर है और न देसी बनिया पर। वीरेंद्र यादव न्यूज शुद्ध रूप से पाठकों पर निर्भर पत्रिका है। यही कारण है कि पिछले 8 वर्षों से वीरेंद्र यादव न्यूज सिर्फ बंट रहा है, बिकता नहीं है। इसकी कोई कीमत नहीं है। एकदम मुफ्त पत्रिका।
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