बिहार सरकार ने विभिन्न विश्वविद्यालयों से स्नातक उत्तीर्ण राज्य की 30 हजार छात्राओं को प्रोत्साहन राशि के रूप में 50-50 हजार रुपये देने का फैसला किया है। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा शिक्षा विभाग को 150 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है। इस पर राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता और तमिलनाडु के पूर्व डीजी डॉ. करुणा सागर नेसरकार की सराहना करते हुए कहा कि बिहार में महिलाओं की स्थिति बेहतर बनाने के लिए नितीश-तेजस्वी जी की जोी प्रतिबद्धता से काम कर रही है।
डॉ. सागर ने कहा कि राशि की निकासी और फिर छात्राओं के बैंक खाते में इसके हस्तांतरण की कार्रवाई प्रक्रिया में है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार द्वारा यह योजना उच्च शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों में लड़कियों की संख्या और बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। इस योजना के तहत अविवाहित इंटरमीडिएट उत्तीर्ण लड़कियों को 25-25 हजार रुपये दिये जाते हैं। हालांकि स्नातक उत्तीर्ण लड़कियों को प्रोत्साहन राशि देने में विवाहित और अविवाहित दोनों को इस योजना में शामिल किया गया है।
गौरतलब है कि एक अप्रैल, 2021 से बाद स्नातक उत्तीर्ण छात्राओं को 50-50 हजार देने का प्रावधान किया गया था, जिसके तहत अब तक एक लाख 61 हजार स्नातक उत्तीर्ण छात्राओं के खाते में 50-50 रुपये का भुगतान किया जा चुका है।
इस योजना का हवाला देते हुए डॉ. सागर ने आगे कहा कि बिहार सरकार प्रदेश में महिलाओं के उत्थान और उनके सशक्तिकरण के लिए निरंतर काम कर रही है। उन्होंने बिहार सरकार द्वारा महिला उत्थान एवं उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए लागू की गई कई योजनाओं का सन्दर्भ दिया। इनमें जीविका दीदी की रसोई, मुख्यमंत्री कन्या योजना, बीपीएल परिवारों की कन्या के विवाह के समय पांच हजार रुपये का भुगतान तथा संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) और बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की प्रारंभिक परीक्षा के लिए आर्थिक सहायता के प्रावधान जैसी कई योजनाएं शामिल हैं।
राजद प्रवक्ता ने आगे कहा, “महिलाओं के लिए आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त होना काफी जरूरी है। पुरुष और महिला के बीच की खाई को पाटने के लिए शिक्षा एक सशक्त माध्यम है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में हमें व्यक्तिगत स्तर पर भी आगे आकर जन-जन को जागरूक करना होगा।”