भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने रेलवे के खाली 6 लाख पदों पर बहाली की प्रक्रिया शुरू करने की मांग पर आंदोलन कर रहे युवाओं पर बर्बर पुलिसिया दमन की कड़ी निंदा की है. कहा कि सत्ता हड़प करते ही भाजपा ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है.
आगे कहा कि रेलवे के 6 लाख से अधिक पदों पर लंबे समय से कोई बहाली नहीं हुई है. काफी आंदोलन के बाद केंद्र सरकार महज 5600 सीटों पर बहाली निकाल रही है. इससे युवाओं का आक्रोशित होना बिलकुल स्वभाविक है. जबकि इसी मोदी सरकार ने युवाओं को हर साल दो करोड़ रोजगार देने का वादा किया था. भाजपा का वह वादा कहां गया? हकीकत यह है कि मोदी सरकार ने युवाओं के साथ केवल छल करने और देश को नफरत व हिंसा की आग में झोंकने का काम किया है. देश की जनता इनकी हकीकत अच्छे से पहचान चुकी है और सबक सिखाने का पूरा मन बना चुकी है.
यह भी कहा कि एक तरफ जहा भाजपा ने युवाओं से लगातार छल किया, वहीं बिहार की 17 महीने की महागठबंधन सरकार में हमने अंदर-बाहर के दबाव के जरिए 2 लाख से अधिक स्थायी शिक्षक नियुक्ति करवाई तथा नियोजित शिक्षकों को भी सरकारी कर्मी का दर्जा दिलाने के सवाल पर नीतीश कुमार को झुकने के लिए मजबूर किया. आज नीतीश कुमार कहते हैं कि स्थायी शिक्षकों की बहाली उनका विजन था. पहले भाजपा व जदयू यह बताए कि 17 वर्षों की उनकी सरकार में नियोजन पर शिक्षकों की बहाली क्यों की गई थी? सुशील मोदी ने तो यहां तक बयान दिया था कि भगवान भी आ जाएं तो नियोजित शिक्षकों को स्थायी नहीं बनाया जा सकता. इसलिए भाजपा को रोजगार के सवाल पर बोलने का कोई हक नहीं है.
अब एक बार फिर जब नीतीश कुमार भाजपा के मोहरा बन गए हैं, रेलवे में बहाली की मांग पर आंदोलनरत युवाओं पर लाठियां चलवा रहे हैं. इसे पूरा देश देख रहा है. युवाओं के साथ इस विश्वासघात को भाकपा-माले बर्दाश्त नहीं करेगी.