वोटरों में जोश और उत्साह हो तो प्रशासनिक लापरवाही भी आड़े नहीं आती है। इसका उदाहरण है प्राथमिक विद्यालय मौदही के टोला मतदान केंद्र। इस केंद्र पर बिजली की रौशनी में रात पौने आठ बजे तक मतदान हुआ और अंतिम वोट पड़ने तक ग्रामीणों की सक्रियता बनी रही। प्राथमिक विद्यालय मौदही के टोला मतदान केंद्र पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र के मनेर विधान सभा में आता है। यह प्रशासनिक रूप से बिहटा प्रखंड का हिस्सा है। यह गांव मनेर विधान सभा क्षेत्र में पड़ता है। शाम करीब पौने पांच बजे हम इस बूथ पर पहुंचे तो वोटरों की लंबी लाईन लगी हुई थी। स्थानीय लोगों की शिकायत थी कि सुबह से ही मतदान की गति काफी धीमी रही। मतदान केंद्र पर पहला मत डालने वाले वोटर ने बताया कि हम जब मत देने गये तो हमने बताया कि हमारा क्रम संख्या 815 है। इसके बावजूद मतदानकर्मी वोटरलिस्ट में क्रम संख्या एक से नाम खोजना शुरू किया, ताकि विलंब हो सके।
सातवें और अंतिम चरण के मतदान के दिन हम अपने साथी रणविजय के साथ फुलवारी, दानापुर, बिक्रम और मनरे विधान सभा के कई मतदान केंद्रों से होकर गुजरे। रणविजय ने योगीपुर जाकर अपने मतदान केंद्र पर वोट डाला। दोपहर में उसके ही घर खाना खाकर थोड़ा आराम भी किया, ताकि बाहर लू का असर कम हो सके। इसी दौरान मौदही निवासी पत्रकार राजकुमार यादव को फोन किया। उन्होंने कहा कि हम गांव पर ही हैं। फिर हम लोग योगीपुर से पाली हाल्ट होते हुए हाईवे का अंडरब्रिज पार कर मोदही पहुंचे। राजकुमार भी वहीं वोट देने के लिए लाईन में लगे हुए थे। हम करीब पौने पांच बजे वहां पहुंचे थे। उस समय करीब सवा सौ पुरुष और 55 से अधिक महिलाएं लाईन में लगी थी। काफी भीड़ थी और लाईन भी लंबी थी। चुनाव आयोग का कार्ड देखकर लोग हमारे पास शिकायत करने पहुंच गये कि वोटिंग काफी धीमी हो रही है। हमने वहां मौजूद सेक्टर मजिस्ट्रेट से बात की। उन्होंने बताया कि मतदान धीमी होने की शिकायत के बाद ही हम यहां आए हैं। उस मतदान केंद्र पर वोटरों की संख्या 1448 थी। पांच बजे तक 765 वोट डाल चुके थे। पांच बजे मतदान अधिकारी द्वारा यही डाटा अपलोड किया गया था।
शाम ढलने को थी। हमें पटना आना था। वहां मौजूद अधिकारी ने बताया था कि 6 बजे तक जो लोग लाईन में रहेंगे, उन सभी को मतदान का मौका दिया जाएगा। 6 बजे पर्ची बांट दिया जाएगा और पर्चीधारी हर व्यक्ति को वोट देने के बाद ही मतदान बंद होगा। हमने राजकुमार से कहा कि अंतिम समय और अंतिम संख्या के संबंध में सूचना जरूर भेज दीजिएगा। हमने रात में करीब 10 बजे राजकुमार को फोन किया तो उन्होंने बताया कि 6 बजे तक लाईन में मौजूद सभी महिला और पुरुषों को वोट देने का मौका मिला और मतदान का सिलसिला पौने आठ बजे रात तक चला। इस बूथ पर 1448 में से 1025 वोटरों ने मतदान किया। यह कुल मतदाता का 71 प्रतिशत था।
ऐसा बहुत कम होता है कि रात चढ़ने के बाद भी वोटरों में उत्साह कायम रहे, लेकिन सोन नदी किनारे बसे इस गांव की स्थिति अलग थी। पुरुषों के समान महिलाओं में भी काफी उत्साह था। हम इस मतदान केंद्र पर 20-25 मिनट रुके थे, लेकिन वोटरों के आने का सिलसिला जारी रहा था। इसीलिए लाईन लंबी होती जा रही थी। शाम पांच बजे तक 765 वोटरों ने ही मतदान किया था। वहीं पौने आठ बजे रात तक यह संख्या बढ़कर 1025 हो गयी।
हम और रणविजय जब मौदही के टोला मतदान केंद्र से पटना के लिए प्रस्थान किये तो रास्ते में कई बूथों पर मतदान के बाद बस्ता समेटने का सिलसिला शुरू हो रहा था। बिहटा में नाश्ते में मनेर का लड्डू का भोग लगाया। आगे बढ़ने पर दनियावां के लिए निकलने वाली सड़क के पास एक चाय दुकान में चाय पी और फिर पटना की ओर बढ़े। पटना में करीब 8 बजे हम विधान सभा ओबरब्रिज से गांधी मैदान की ओज रहे थे, उस समय वाहनों में सवार मतदान टीम अलग-अगल गाडि़यों से एएन कॉलेज की ओर बढ़ी जा रही थी, जहां स्ट्रांग रूम में उन्हें ईवीएम जमा करवाना था।