राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा है कि बिहार की जनता ने लोकसभा चुनाव के माध्यम से अगले वर्ष होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव का स्पष्ट संदेश दे दिया है। बिहार के लोगों ने एनडीए को नकार कर तेजस्वी यादव पर अपना भरोसा जताया है। लोकसभा के इस चुनाव में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा उठाए गए मुद्दों को व्यापक जनसमर्थन मिला है। तेजस्वी जी का पुरा चुनाव अभियान जहां नौकरी, बेरोजगारी, महंगाई, पढ़ाई, कमाई, दवाई, सिंचाई, सुनवाई और कार्रवाई जैसे जन सरोकार से जुड़े मुद्दों पर केंद्रित रहा वहीं प्रतिद्वंद्वी नेताओं का बयान मन्दिर, मटन, मंगलसूत्र, मछली और भैंस होते हुए मुजरा के इर्द-गिर्द सिमटने के साथ हीं विपक्षी नेताओं के उपर व्यक्तिगत हमले पर हीं केन्द्रित रहा। प्रधानमंत्री मोदी जी एक ओर जहां तेजस्वी जी को जेल भेजने की धमकी देते रहे वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी हर चुनावी भाषणों में बच्चे गिनाते रहे।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि तेजस्वी जी के सकारात्मक राजनीति का हीं परिणाम है कि इंडिया गठबंधन बिहार में एनडीए से नौ सीटों को न केवल छीनने में कामयाब रहा बल्कि अन्य लोकसभा क्षेत्रों में भी पिछले लोकसभा चुनाव के वनिस्पत जीत-हार का मार्जिन को काफी कम करने में कामयाब रहा। एनडीए को प्राप्त मतों और मत प्रतिशत काफी कम हो गए जबकि राजद एवं इंडिया गठबंधन के दलों को प्राप्त मतों में बड़ी वृद्धि के साथ हीं मत प्रतिशत में काफी बढ़ोतरी हुई। पिछले लोकसभा चुनाव में राजद को मात्र 15.68 प्रतिशत मत मिले थे जो 7.5 प्रतिशत वृद्धि के साथ 22. 14 प्रतिशत हो गया। वहीं भाजपा को पिछले लोकसभा चुनाव में जहां 24.05 प्रतिशत मिला था वह घटकर 20.05 प्रतिशत हो गया यानी चार प्रतिशत वोट कम हो गए। इसी प्रकार जदयू को पिछले लोकसभा चुनाव में जहां 22.20 प्रतिशत वोट मिले थे जो इस बार कम होकर 18.52 रह गया है।
इस चुनाव ने केंद्रीय राजनीति में तेजस्वी यादव की भूमिका को भी काफी विस्तारित कर दिया है।इस जीत में सबसे बड़ी भूमिका तेजस्वी यादव की रही है। एनडीए के चुनाव अभियान को जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और गृहमंत्री अमित शाह , रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित दर्जनों केन्द्रीय मंत्री एवं विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने संभाल रखा था। प्रधानमंत्री ने खुद डेढ़ दर्जन सभाओं को संबोधित किया। पटना में तो उन्हें रोड पर उतरना पड़ा, दो-दो रात पटना में ठहरना पड़ा।इसके बावजूद एनडीए को 9 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा। जबकि तेजस्वी यादव ने अकेले चुनाव को लीड किया और बड़ी जीत हासिल की । पूरे प्रदेश में तेजस्वी यादव के नेतृत्व में राजद और महागठबंधन का आधार वोट काफी बढ़ा है, सामाजिक आधार भी काफी विस्तारित हुआ है और सभी वर्गों और समुदायों के बीच विश्वास पैदा हुआ है। इसका लाभ निश्चित रूप से विधान सभा चुनाव में महागठबंधन को मिलेगा। लोकसभा चुनाव के माध्यम से बिहार की जनता ने
यह स्पष्ट संदेश दे दिया है कि बिहार में तेजस्वी जी के समानांतर अभी कोई नहीं है। और तेजस्वी हीं बिहार का भविष्य हैं।