जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने आज कहा है कि चंद वोटों के लिए महिलाओं को ठगने वाले इंडी गठबंधन को समझना चाहिए कि भारतीय संस्कृति में महिलाओं को देवी का दर्जा दिया गया हुआ है। यदि वह महिलाओं के हित में काम नहीं कर सकते तो उन्हें उनको धोखा भी नहीं दे सकते।
उन्होंने कहा कि वास्तव में इंडी गठबंधन को नमो नीतीश से सीखना चाहिए कि महिला सम्मान और सशक्तिकरण पर काम कैसे किया जाता है। उन्हें देखना चाहिए कि नीतीश सरकार में लड़कियों के जन्म से लेकर उनकी शिक्षा-दीक्षा से लेकर उनके रोजगार तक के लिए कैसे क्रांतिकारी प्रावधान किये गये हैं। साइकिल व पोशाक योजना कैसे लड़कियों की शिक्षा के क्षेत्र में गेम चेंजर योजना साबित हुई है।
राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि नीतीश सरकार ने ही बिहार की लड़कियों को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने के लिए बिहार में इंटरमीडिएट पास अविवाहित लड़कियों को 25 हजार रुपये और स्नातक पास लड़कियों को 50 हजार रुपये दिए जाने का प्रावधान किया है। इसके अलावा मेडिकल, इंजीनियरिंग और प्रस्तावित स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी में नामांकन के लिए भी में 33 प्रतिशत सीट लड़कियों के लिए आरक्षित कर दिया गया है। ऐसा करने वाला बिहार देश का पहला राज्य है। इसी वजह से पहले घर से बाहर निकलने में झिझकने वाली बिहार की महिलाएं आज पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर हर क्षेत्र में सक्रिय भागीदारी निभा रही हैं।
केंद्र सरकार के काम गिनाते हुए उन्होंने कहा कि इसी तरह महिलाओं को सशक्त और सामर्थ्यवान करने के लिए प्रधानमन्त्री मोदी की पहल से देश में उज्जवला योजना, नल जल योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, सुकन्या समृद्धि योजना, फ्री सिलाई मशीन योजना, मातृत्व वंदना योजना, महिला शक्ति केंद्र योजना जैसी कई योजनाओं की शुरुआत हुई जिससे आज बड़ी संख्या में महिलाओं को लाभ मिल रहा है। मोदी सरकार ने ही महिलाओं को सशक्त करने के लिए मातृत्व अवकाश को 12 हफ्तों से बढ़ाकर 26 हफ्ते किया, वर्क प्लेस पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए सख्त कानून बनाए, वहीं बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों पर फांसी जैसी सजा का प्रावधान किया। उनके कारण ही सैनिक स्कूलों में बेटियों के दाखिले की शुरुआत भी हुई। यहां तक की उनकी पहल से ही पहली बार देश को महिला आदिवासी राष्ट्रपति मिली है।