दक्षिण बिहार में लोकसभा की 14 और विधान सभा की 88 सीटें पड़ती हैं। इनमें से गोपालपुर और बिहपुर भागलपुर लोकसभा का हिस्सा हैं। इसके बाद विधान सभा की 86 सीटें बचती हैं। इन 86 सीटों में से 43-43 सीटों पर इंडिया और एनडीए की बढ़त है। यह भी कहा जा सकता है दक्षिण बिहार में आधी-आधी सीटों पर इंडिया नेता तेजस्वी यादव और एनडीए नेता नरेंद्र मोदी फंस गये हैं। लोकसभा की 14 सीटों में से दोनों के हिस्से में 7-7 सीट गयी है। उसी तरह विधान सभा की 86 में से 43-43 बंट गयी हैं।
उत्तर बिहार की हवा में उधिया गये तेजस्वी यादव को दक्षिण बिहार में मजबूत आधार मिला। मगध और शाहाबाद ने संजीवनी प्रदान कर दी। यह भी विडंबना है कि तेजस्वी यादव को संजीवनी मगध और शाहाबाद में मिलती है और राज्य सभा व एमएलसी की मलाई उत्तर बिहार वालों को बांट दी जाती है।
विधान सभा की सीटों के विश्लेषण से पता चलता है कि काराकाट, औरंगाबाद और जहानाबाद की किसी भी विधान सभा सीट पर एनडीए को बढ़त नहीं दिखती है, वहीं नालंदा और जमुई में इंडिया गठबंधन विधान सभा की सभी सीटों पर पिछड़ गया है। शेष 9 लोकसभा सीटों की बात करें तो इंडिया गठबंधन को कटोरिया, मोकामा, फतुहा, बख्तियारपुर, फुलवारी, मनेर, मसौढ़ी, बिक्रम, पालीगंज, संदेश, बड़हरा, अगिआंव, तरारी, जगदीशपुर और शाहपुर में बढ़त मिली है। बढ़त का यह सिलसिला ब्रह्मपुर, बक्सर, डुमरांव, राजपुर, रामगढ़, मोहनियां, भभुआ, चेनारी, बेलागंज और गोविंदपुर में कायम रहा है।
बढ़त के मामले का विश्लेषण करें तो 5 विधान सभा सीटों पर निर्दलीय ने बढ़त ली है। पूर्णिया से निर्वाचित पप्पू यादव ने कसबा, बनमनखी, पूर्णिया और कोढ़ा विधान सभा क्षेत्रों में बढ़त ली है तो सीवान में दूसरे स्थान पर रहीं हीना शहाब ने रघुनाथपुर विधान सभा सीट में लीड ली हैं। औवेसी की पार्टी एआईएआईएम के किशनगंज से उम्मीदवार अख्तरूल ईमान ने बहादुरगंज और कोचाधामन में बढ़त ली है।
आंकड़ों का विश्लेषण करें तो प्रदेश एनडीए को 174 विधान सभा सीटों पर लीड मिली है, वहीं 62 सीटों पर इंडिया गठबंधन को बढ़त मिली है। 5 विधान सभा सीटों पर निर्दलीय और दो पर एआईएमआईएम को बढ़त मिली है।