पटना के डाकबंगला चौराहे के पास स्थित विद्यापीठ अकादमी ने अपनी यात्रा के 11 वर्ष पूरे कर लिये हैं। इस मौके पर 16 अगस्त को अकादमी परिसर में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें छात्र-छात्राओं के साथ अभिभावक और शिक्षक भी शामिल हुए। अकादमी के निदेशक मुखलाल कुमार सिंह यानी एमके सिंह खुद आईआईटी मुम्बई के पास आउट हैं। कोटा और दिल्ली में जेईई और नीट की तैयारी कर रहे छात्रों को विभिन्न कोचिंग संस्थानों में पढ़ाने के बाद पटना में विद्यापीठ अकादमी की शुरुआत की। बिहार की प्रतिभाओं को बेहतर मार्गदर्शन देने के उद्देश्य से उन्होंने इसकी शुरुआत की थी। प्रारंभिक कठिनाइयों के बीच बहुत कम समय में वीपीए ने अपनी पहचान बना ली और बिहार के छात्र-छात्राओं की पहली पंसद बन गयी।
एमके सिंह ने वीरेंद्र यादव न्यूज के साथ बातचीत में कहा कि नौवीं कक्षा से ही इंजीनियरिंग और मेडिकल के क्षेत्र में जाने की रुचि रखने छात्र-छात्राओं को भी गाईड करने की शुरुआत कर दी जाती है। नौवीं और दसवीं के छात्रों को भी मार्गदर्शन की व्यवस्था विद्यापीठ अकादमी में है।
निदेशक मुखलाल सिंह ने संस्थान की उपलब्धियों को साझा करते हुए कहा कि पिछले 12 वर्षों में संस्थान से 80 छात्रों का चयन आईआईटी में हुआ है, जो अब भारत और दुनिया भर में महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत हैं। अकादमी के पूर्व छात्र विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत हैं, जिनमें यूपीएससी, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट जैसे तकनीकी दिग्गज और लंदन यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर के रूप में शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि संस्थान से 350 छात्र एनआईटी से पढ़ाई कर महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत हैं। इसके अलावा संस्थान के 12 छात्र फिलहाल विभिन्न कॉलेजों से एमबीबीएस कर रहे हैं। संस्थान के सह संस्थापक शकील रहमान ने भी छात्रों की सफलता पर गर्व व्यक्त किया। विद्यापीठ अकादमी के संस्थापक इंजीनियर सुनील सिंह ने भी अपने संस्थान के उत्कृष्ट प्रदर्शन पर आभार जताया।