शाहाबाद भोजपुरी की जमीन है। राजनीतिक रूप से काफी जागृत और संवेदनशील इलाका। सामंतवाद के खिलाफ नक्सलियों की संघर्ष भूमि। इसके साथ ही समाजवादी धारा की उर्वर धरा भी रहा है। जगजीवन राम, बलिराम भगत और राम अवधेश सिंह इसी जमीन पर खड़ा होकर अपनी पार्टी को वैचारिक आधार दे रहे थे। शाहाबाद की यह जमीन आज चार जिलों में विभाजित है। भोजपुर, बक्सर, कैमूर और रोहतास। यहां लोकसभा की साढ़े तीन और विधान सभा की 22 सीट हैं। यहां से माले के डेढ़, राजद के एक और कांग्रेस के एक सांसद हैं।

विधान की 22 सीटों का अपना संख्या शास्त्र है। बसपा के टिकट पर निर्वाचित जमां खां जदयू में समाहित हो गये हैं। बसपा का दुर्भाग्य रहा है कि बसपा के टिकट पर निर्वाचित किसी भी विधायक ने कभी पूरा कार्यकाल बसपा के साथ नहीं बिताया। जमां खां नीतीश सरकार में मंत्री भी हैं। फिलहाल राजद के 10, कांग्रेस के 4, भाजपा के 4, माले के 3 और जदयू के 1 विधायक हैं। उपचुनाव के बाद इस इलाके में भाजपा की ताकत बढ़ी है। भूमिहार का खाता खुला है। पिछले विधान सभा उपचुनाव में भाजपा ने माले से तरारी और राजद से रामगढ़ सीट छीन ली। तरारी से माले विधायक सुदामा प्रसाद और रामगढ़ से राजद विधायक सुधाकर सिंह लोकसभा के लिए चुन लिये गये थे। उपचुनाव में तरारी से विशाल प्रशांत पांडेय और रामगढ़ से अशोक सिंह निर्वाचित हुए। विधान सभा में सात भगोड़ा विधायक हैं। इनमें से तीन शाहाबाद के ही हैं। भरत बिंद, संगीता कुमारी और मुरारी गौतम सत्ता पक्ष में बैठ रहे हैं। अभी ये तीनों खुद को भाजपा का झंडाबरदार मानते हैं, लेकिन तीनों का टिकट फंसा हुआ है।

पत्रकार वीरेंद्र यादव की पुस्तक राजनीति की जाति पार्ट -2 (कीमत 5500 रुपये) के अनुसार, शाहाबाद के 22 विधायकों में यादव और चमार 4-4, कोईरी, राजपूत और ब्राह्मण 3-3 तथा नोनिया, बिंद,भूमिहार, मुसलमान और बनिया एक-एक विधायक हैं। पुस्तक के अनुसार, विधान सभावार वोटरों की जातीय संख्या में चमार जाति कैमूर जिले की सभी 4 सीटों पर सबसे बड़ा वोट समूह है, जबकि सासाराम विधान सभा सीट पर कोईरी और बक्सर सीट पर ब्राह्मण बसे बड़ा वोटर समूह है। अन्य सीटों पर यादव या मुसलमान सबसे बड़ा वोटर समूह हैं।
पत्रकार वीरेंद्र यादव की पुस्तक राजनीति की जाति पार्ट -2 (कीमत 5500 रुपये) में बिहार की राजनीति और चुनाव से जुड़े अनेक महत्वपूर्ण तथ्य संकलित किये गये हैं। पिछले चुनावों (विधान सभा व लोकसभा) में उम्मीदवारों की जाति, जीते हुए उम्मीदवारों की जाति, प्राप्त वोट एवं प्रतिशत के साथ ही परिसीमन के बाद निर्वाचित सभी विधायकों की जातिवार सूची पुस्तक में उपलब्ध है। इस पुस्तक में वह सब आंकड़े संकलित हैं, जो एक टिकट के दावेदारों के लिए अपेक्षित है। यदि आप भी चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं तो आपको यह पुस्तक खरीद कर जरूर पढ़ना चाहिए। यदि आप किसी भी पार्टी में टिकट के दावेदार हैं तो आप 9199910924 पर अपने दावों के आधार और अनुभव के संबंध में सूचित कर सकते हैं। आपके दावों के आधार पर आप से जुड़ी खबर अपनी पोर्टल birendrayadavnews.com पर प्रकाशित और प्रसारित कर सकते हैं। जिन जातियों की आबादी जातीय जनगणना के अनुसार, 1 प्रतिशत से कम है, उन्हें यह पुस्तक नहीं खरीदनी चाहिए, क्योंकि इन जातियों के दावेदारों को कोई भी पार्टी टिकट देने के लायक नहीं समझती है।
पत्रकार वीरेंद्र यादव की पुस्तक राजनीति की जाति पार्ट -2 (कीमत 5500 रुपये) के आंकड़ों के अनुसार, पिछले लोकसभा और विधान सभा चुनाव में एनडीए का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा था। इस इलाके में भाजपा, जदयू और रोलोमो तीनों औंधे मुंह गिरे थे। लेकिन शाहाबाद के सामाजिक समीकरण में तेजी से बदलाव आया है। कुशवाहा जाति का भरोसा एनडीए के साथ बढ़ा है, हालांकि महागठबंधन भी अपने आधार को मजबूती से बांधे रखने के लिए जी तोड़ कोशिश कर रहा है। हम भी अपनी खबरों के साथ अपने पाठकों को अपडेट रखने का भरपूर प्रयास कर रहे हैं। आप वीरेंद्र यादव न्यूज की खबरों को रोज पढ़ने के लिए अपना वाट्सएप और मेल आईडी 9199910924 पर भेज सकते हैं।