कोशी नव निर्माण मंच द्वारा कोशी तटबंध के भीतर हर साल भीषण बाढ़ की आपदा भोगने को विवश लोगों के पुनर्वास सहित 9 सूत्रीय मांगों को लेकर अनुमंडल कार्यालय के समक्ष एक दिवसीय धरना दिया।

धरना कार्यक्रम में निर्मली और मरौना प्रखंड के सैकड़ों बाढ़, कटाव पीड़ितों इस साल बाढ़ में भोगी गई पीड़ा बताई, खासकर महिलाएं बताई कि कैसे वे घर की छप्पर पर बच्चों को लेके रहे उसपर सांप और विषैले जीव भी आते थे बड़ी मुश्किल से जान बची। यदि तटबंध के बाहर पुनर्वास होता तो वे इस नरक से बाहर निकलते। कोशी के कटाव से विस्थापित होकर जब घर का ठाठ बांध पर रखते है तो उनको भगा दिया जाता है झोपडी बना किए तो आसपास के लोग सीसा तोड़कर आसपास फेंक देते है कि ये लोग भाग जाए। इसलिए सरकार पुनर्वास दे। धरना में सिकरहटा, एकडेरा में स्कूल और आंगनबाड़ी नहीं होने सहित अन्य बाते उठी, तटबंध के भीतर एक भी उप स्वास्थ्य केंद्र नहीं होने टीकाकरण और प्रसव में होने वाली पीड़ा एवं मौतों की पीड़ा बताई। घाटों पर नाव नहीं होने, ऊंचे टीले, बाढ़ बदनकिसानों से लोन के लिए बैंक द्वारा नोटिस भेजने सहित अन्य बातें बताई। नेताओं, सरकार और प्रशासन से उनकी घोर उपेक्षा पर रोष व्यक्त करते हुए बताया कि जिला प्रशासन सरकार द्वारा ही बनाए गए एस. ओ. पी. और मानदर का अनुपालन नहीं कर रहा है।

लोगों की बातों को सूत्रवद्ध कर 9 सूत्रीय मांग पत्र तैयार किया गया। जिसे संगठन के प्रतिनिधि मंडल ने अनुमंडल पदाधिकारी धीरज कुमार सिन्हा को देते हुए वार्ता की। अनुमंडल पदाधिकारी ने कहा कि मैं इन सभी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए नए आ रहे जिला पदाधिकारी के साथ चर्चा करेंगे।
संगठन ने कहा कि यदि हमारी मांगे नहीं सुनी जाती है तो हमलोग अंतिम में थक हार कर एन एच जाम करने पर विवश होना पड़ेगा।
*9 सूत्रीय मांगे*
कोशी तटबंध के भीतर रह रहे विभिन्न कारणों से पुनर्वास से वंचित लोगों का सर्वे कराकर, पुनर्वासित कराने,मानसून के मद्देनजर कोशी तटबंध के भीतर सभी घाटों पर सरकारी नावों की बहाली अविलम्ब करने, उन मालिकों को लाग-बुक, परवाना देनें और नावों के विवरण का फ्लैक्स घाटों पर लगाने, सभी कटाव पीड़ितों को गृह क्षति का लाभ अविलम्ब दिलाने, सहाय्य राशि (G.R.) वंचितों को दिलाने, वस्त्र वर्तन मृत पशुओं के क्षति देने, तटबंध के भीतर उप-स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थापना, आवश्यक दवाओं के साथ मोटर-वोट क्लिनिक भेजने, कोशी पीड़ित विकास प्राधिकार को पुनः सक्रीय व प्रभावी बनाने, तटबंध के भीतर सभी रैयतों से 4 हेक्टेयर तक माफ लगान की वसूली पर रोक लगाने की मांग है।
*इन लोगों के बातें रखी*
वक्ताओं में जयनाथ पंडित, उपेन्द्र पासवान, रामप्रसाद मेहता, बीरेंद्र मेहता, सुभाष यादव, संजय महतो, नागो सदा, राजकुमार महतो, प्रमोद प्रभाकर, राम उदगार सदा, NAPM के राज्य संयोजक मंडल के रामचंद्र यादव, सोशलिस्ट दुखीलाल, समतोलिया देवी, मालभोगिया देवी, मंजुला देवी, इशरत प्रवीण, कबूतरी देवी, सीता देवी, सरस्वती देवी, मो सदरूल, अरहुलिया देवी, सिकंदर, गीता देवी, लालिया देवी, भागवत पंडित, आलोक राय, धर्मेन्द्र यादव, प्रियंका,प्रमोद, संतोष मुखिया, मनीष, संदीप, आरिफ, कामेश्वर कर्ण, अरविंद मेहता, प्रमिला देवी, अर्चना सिंह, आलोक राय व महेंद्र यादव इत्यादि लोगों ने बात रखी। धरना कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए घोघररिया की मुखिया एकता यादव ने कहा कि घर घर सिंदूर के जाने की बात हो रहीं है कोशी तटबंध के भीतर की सुहागन महिलाओं के सुहाग की रक्षा पुर्नावास से होगी इसलिए सरकार उन्हें पुनर्वासित करे। कार्यक्रम का संचालन इंद्र नारायण सिंह और धन्यवाद ज्ञापन राजेश मंडल ने किया।
कोशी के लोगों का समर्थन करते हुए प्रो अखिलेश सिंह ने कहा कि कोशी के समाधान के लिए सभी को एकजुट होना होगा। युवा हल्ला बोल के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुपम ने कहा कि कोशी के लोग लाखों के न्याय की लड़ाई लड़ रहे है इनके द्वारा उठाई गई मांगों के साथ हूं इसे कांग्रेस पार्टी और अन्य मंचों पर रखूंगा वहीं पंच अभिशाप मुक्त कोशी के अनिल सिंह और मरौना प्रखंड प्रमुख प्रतिनिधि राज नारायण निराला ने समर्थन किया।