बिहार जद (यू0) के माननीय प्रदेश अध्यक्ष श्री उमेश सिंह कुशवाहा ने गुरुवार को बयान जारी करते हुए कहा कि महागठबंधन की तथाकथित एकता दरअसल स्वार्थ और अवसरवाद की कमजोर नींव पर टिकी हुई है। उन्होंने कहा कि दिखावटी बैठकों से कोई ठोस परिणाम नहीं निकलने वाला, क्योंकि जनता अब विपक्ष की असलियत को भली-भांति पहचान चुकी है। यह किसी से छिपा नहीं है कि जनहित की बजाय निजी स्वार्थ ही महागठबंधन की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है।

श्री कुशवाहा ने कहा कि कांग्रेस और राजद को लंबे समय तक बिहार की सत्ता संभालने का अवसर मिला, लेकिन राजनीतिक विडंबना यह रही कि दोनों ही दल अपने कार्यकाल की उपलब्धियों पर चर्चा करने से हमेशा बचते रहे, क्योंकि सत्ता में रहते हुए इन्होंने जनता के हितों की चिंता करने के बजाय अपनी तिजोरी भरने में अधिक रुचि दिखाई।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि विपक्ष की पूरी राजनीति सिर्फ अपने परिवार को आगे बढ़ाने तक सीमित रही है। उनका शासनकाल आज भी जनता के जेहन में भ्रष्टाचार और जंगलराज की कड़वी यादों के रूप में दर्ज है। जिन्होंने बिहार को बदहाल और बीमारू राज्य की पहचान दी, उन्हें जनता दुबारा सत्ता सौंपने की भूल कतई नहीं करने वाली है।
श्री उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार का सुशासन और सर्वांगीण विकास का ट्रैक रिकाॅर्ड रहा है। हमारी सरकार ने जनकल्याण की नीतियों को सिर्फ कागज़ों तक सीमित नहीं रखा, बल्कि उन्हें ज़मीनी हकीकत में बदला है। यही कारण है कि प्रदेशवासियों का अटूट विश्वास आज भी हमारे नेता श्री नीतीश कुमार पर बना हुआ है। ऐसे में विपक्ष द्वारा झूठ और भ्रम का गाल बजाने से उन्हें कुछ भी हासिल नहीं होने वाला।