पूर्व उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा है कि महागठबंधन के अंदर मचे रार से बिहार का बंटाढार हो रहा है। महागठबंधन के घटक दल जेडीयू हो यह कांग्रेस या फिर राजद इन सभी दलों के आपसी मतभेद अब खुलेआम देखने को मिल रहा है। किसी को मंत्री बनना है तो किसी को मुख्यमंत्री और जो मुख्यमंत्री हैं, उन्हें अपनी कुर्सी बचाने की चिंता सता रही है।
उन्होंने कहा कि ऐसे में ये सहज सवाल है कि क्या कुर्सी के लिए लड़ रहे लोगों से बिहार व बिहारियों का भला सम्भव है? बिहार की जनता और उसकी समस्या का समाधान करना क्या ऐसी सरकार के बूते की बात है? कुर्सी व पद लिप्सा में ही जदयू टूट के कगार पर है। किसी भी दिन जदयू का एक बड़ा हिस्सा नीतीश कुमार के नेतृत्व को बाय-बाय बोल सकता है।
श्री प्रसाद ने कहा कि राजद के लोगों में तेजस्वी यादव को जल्द से जल्द मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठा कर लालू प्रसाद की इच्छा को पूरा करने की बेचैनी है तो कांग्रेस मंत्रिमंडल में अपना कोटा बढ़ाने के लिए परेशान है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी सीएम की कुर्सी की मियाद कथित समाधान यात्रा कर कुछ महीने के लिए तो बढ़ा लिए, मगर अब उनकी चिंता आने वाले दिनों को लेकर है। नीतीश कुमार के सीएम की कुर्सी से हटते ही उनके दल के अस्तित्व पर भी संकट गहरा जाएगा।
उन्होंने कहा कि राजनीतिक खींचतान की वजह से ही बिहार में शासन और प्रशासन नाम की कोई चीज़ नहीं बची है। राज्य में सरेआम गोलीमार दी जा रही है। अपराध अपने चरम पर है। अपराधियों का मनोबल बढ़ा हुआ है। पुलिस व प्रशासन तंत्र में अराजकता बढ़ती जा रही है। विकास के कमोबेश सारे काम ठप्प है। एक तरह से बिहार का बंटाढार हो रहा है।