17 फरवरी यानी शुक्रवार को हम नवनियुक्त राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हो पाये। कई वर्षों बाद यह पहला अवसर था, जब हम राजभवन में आयोजित किसी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुए। कुछ व्यक्तिगत व्यस्तता के कारण शपथ ग्रहण समारोह के लिए समय नहीं निकल पाये। इसी व्यस्तता की वजह से जननायक कर्पूरी ठाकुर की पुण्यतिथि पर आयोजित राजद के कार्यक्रम में भी शामिल नहीं हो पाये।
शाम को भाजपा की ओर से जारी एक प्रेस रिलीज सामने आयी। यह रिलीज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद संजय जयसवाल की थी। इसमें राज्यपाल का स्वागत और अभिनंदन किया गया था। इसके साथ श्री जयसवाल ने यह भी बताया कि श्री आर्लेकर अनुसूचित जाति के रविदास समुदाय आते हैं। इसके अलावा भी राज्यपाल से जुड़ी अन्य जानकारी प्रेस रिलीज में थी। अब से लगभग 45 साल पहले 1979 में पहला रविदास मुख्यमंत्री बिहार को मिला था। सामान्य निर्वाचन क्षेत्र सोनपुर से विधायक चुने गये रामसुंदर दास मुख्यमंत्री बने थे।
अब आप संजय जयसवाल की प्रेस रिलीज के समाजशास्त्र को समझिये। बिहार में यादव के बाद सबसे बड़ी आबादी वाली जाति चमार है। वीरेंद्र यादव न्यूज के संदर्भ से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मुसलमानों की आबादी 15.12 प्रतिशत, यादव की आबादी 14.61 प्रतिशत और चमारों की आबादी 5.66 प्रतिशत है। यह आबादी कोईरी और राजपूत से भी ज्यादा है। मतलब यह है कि बिहार में तीसरी सबसे बड़ी आबादी वाली जाति चमार है। उसके पास वोट पोलिंग कैपिसिटी भी है। अभी 38 अनुसूचित जाति के विधायकों में 13 चमार जाति के ही हैं।
महागठबंधन जाति गिनने में व्यस्त है और भाजपा जाति के वोट गिन रही है। इसी क्रम में उसने एक चमार जाति के व्यक्ति को राज्यपाल बनाकर बिहार भेजा है। उनका अब गाजे-बाजे के साथ प्रचार भी करेगी। संभव है कि उनके सम्मान में बड़ा आयोजन भी किया जाये। राज्यपाल बनकर फागू चौहान बिहार आये थे तो उनके भी सम्मान में भाजपा की ओर से सम्मान समारोह किया गया था।
इसके लिए पार्टी के बजाये नोनिया-बिंद सामाजिक संगठन की ओर से सम्मान किया गया था। नये राज्यपाल के लिए भाजपा रविदास नामधारी कोई संगठन भी खड़ा कर देगी। दरअसल यही भाजपा की रणनीतिक ताकत है कि पहले वह पोलिटिकल प्रोडक्ट पैदा करती है और फिर उसकी मार्केटिंग कर अपना जनाधार साधने का प्रयास करती है। संजय जयसवाल की प्रेस रिलीज को भी इसी परिप्रेक्ष्य में देखा जाना चाहिए।