27 फरवरी से शुरू हो रहा सप्तदश बिहार विधान सभा का अष्टम सत्र बजट सत्र होने के कारण बड़ा ही महत्वपूर्ण सत्र है। इसमें महामहिम राज्यपाल का अभिभाषण, इस पर प्रस्तुत धन्यवाद प्रस्ताव पर वाद-विवाद, बजट उपस्थापन और इस पर विभागवार चर्चा सहित अन्य महत्वपूर्ण कार्य किये जायेंगे सत्र के दौरान सदन में लोकहित के विषयों पर अधिकाधिक विमर्श होगा तो विमर्श की सार्थकता भी बढ़ेगी और लोकतंत्र में लोक तथा तंत्र की सक्रिय भागीदारी से जनहित के फैसले भी लिये जा सकेंगे।
इससे न केवल जनमानस का जीवन सरल और सुगम बनेगा और बिहार का विकास भी तेज गति से हो सकेगा बल्कि विधायिका का एक प्रबल और साकारात्मक संदेश भी समाज में जायेगा। सदन की ओर बिहार ही नहीं देश की करोड़ों जनता की पैनी निगाह लगी रहती हैं इसलिए हमें अनुशासित और मर्यादित होकर सदन की गरिमा को बढाते हुए जनता की आवाज बनना होगा ताकि हम विधान सभा को पहले से और भी जनोन्मुखी बना सकें। सरकार की सजगता और माननीय सदस्यों की संवेदनशीलता से सत्र सुचारू रूप से चले, यही उनकी कामना है और इसी से लोकतंत्र की जड़े भी मजबूत होंगी। विधान सभा निर्वाध रूप से चले और विधायिका का सम्मान बढ़े, बिहार विधान सभा के अध्यक्ष होने के नाते यह देखना भी हमारी प्राथमिक जिम्मेवारी है। “यह बातें बिहार विधान सभा के माननीय अध्यक्ष श्री अवध बिहारी चौधरी ने आगामी सत्र के सफल और सुचारू संचालन के लिए अपने कक्ष में आयोजित बिहार विधान सभा के दलीय नेताओं की बैठक में कहीं। बैठक के दौरान उपस्थित दलीय नेताओं ने एक स्वर से आगामी सत्र को सुचारू रूप से चलाने में अपना सकारात्मक सहयोग देने की बात दोहरायी। साथ ही सरकार से भी जनहित में पूछे गये प्रश्नों के तार्किक उत्तर ससमय उपलब्ध कराने का आग्रह किया ।
इस बैठक में संसदीय कार्य मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, उर्जा मंत्री श्री विजेन्द्र प्रसाद यादव ग्रामीण विकास विकास विभाग के मंत्री सह मुख्य सचेतक, सत्तारूढ दल श्री श्रवण कुमार, नेता प्रतिपक्ष श्री विजय कुमार सिन्हा, राजद की ओर से उपमुख्य सचेतक, सत्तारूढ़ दल श्री अख्तरूल इस्लाम शाहीन, मुख्य सचेतक, मुख्य विरोधी दल श्री जनक सिंह, नेता ए आई एम आई एम श्री अख्तरूल ईमान, नेता, सी.पी.आई. श्री सूर्यकांत पासवान, सहित बिहार विधान सभा के प्रभारी सचिव श्री पवन कुमार पाण्डेय उपस्थित थे ।