श्री सिन्हा ने कहा बिहार की गाथा एवं संस्कृति को समाप्त कर ये राज्य में उन्माद फैला रहे है। सार्वजनिक जीवन में संयमित आचरण का इनमे अभाव है। शिक्षा के प्रति अपनी जिम्मेदारी नहीं निर्वहन कर रहे। न शिक्षक है न भवन हैं और इनके पास न कोई विजन हैं। शिक्षा विभाग के बजट अनुदान की माँग के क्रम में शिक्षा मंत्री ने जब सरकार का उत्तर देना शुरू किया तब नेता प्रतिपक्ष ने सदन में यह मुद्दा उठाया।
श्री सिन्हा ने कहा कि शिक्षा मंत्री अमर्यादित आचरण कर रहे हैं, उनके इस आचरण से राज्य के छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो रहा हैं। वे बिहार की संस्कृति एवं गौरव को तार-तार कर रहे हैं।
श्री सिन्हा ने कहा कि रामचरित मानस पर ओछा व्यान उनकी मानसिक विकृति को दर्शाता है, उनके दल राजद के द्वारा उनका समर्थन पाने के कारण शिक्षा मंत्री लगातार विष वमन कर रहे हैं।
श्री सिन्हा ने कहा कि आज सदन में सरकार का उत्तर के दौरान भी शिक्षा मंत्री ने माफी नहीं मांगी। अध्यक्ष बिहार विधानसभा को इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए और माफी मागने हेतु निदेश देना चाहिए।