विधान मंडल के बजट सत्र की समाप्ति के बाद बुधवार को स्पीकर अवध विहारी चौधरी की ओर से विधायकों और पत्रकारों के लिए रात्रि भोज का आयोजन किया गया था। इस भोज में भाजपा के सदस्य शामिल नहीं हुए। बजट सत्र की समाप्ति के बाद स्पीकर की ओर से रात्रि भोज का आयोजन परंपरा रही है।
इस भोज के लिए रात साढ़े 7 बजे का समय निर्धारित था। हम रात करीब सवा 8 बजे पहुंचे। कई लोग खाकर प्रस्थान करने लगे थे। स्पीकर आवास में भोजन के लिए 2 पंडाल बना हुआ था। एक पंडाल मुख्य गेट के पास ही था। हम पहले उसी में चले गये। थाली भी उठाया, लेकिन पंडाल में उपस्थित लोगों को देखकर लगा कि हम गलत पंडाल में आ गये हैं। यह पंडाल विधान सभा के कर्मचारियों के लिए बना हुआ था। इससे पहले विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर के आवास पर रंगोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। उसमें भी विधान मंडल के सदस्यों को आमंत्रित किया गया था। उनके यहां भी दो पंडाल बनाये गये थे। एक पंडाल परिषद कर्मियों के लिए और दूसरा अतिथियों के लिए। परिषद सभापति के आवास पर बनी व्यवस्था का अनुभव स्पीकर आवास पर काम आया।
स्पीकर आवास पर गलत पंडाल में प्रवेश करने आभाष हो गया। इसके बाद एक मार्शल से मुख्य पंडाल के बारे में पूछा। इस बीच एक और वरीय पत्रकार उसी पंडाल में पहुंचे। हमने उनसे कहा कि हम लोग गलत पंडाल में आ गये हैं। इसके बाद साथ में ही मुख्य पंडाल की ओर प्रस्थान किये। मुख्य पंडाल में व्यापक इंतजाम था। 50 से अधिक टेबुल लगाये गये थे। वेज और ननवेज के लिए अलग-अलग स्टॉल था। महागठबंधन में शामिल सभी दलों के मंत्री और विधायक भोज में शामिल थे। स्पीकर अवध विहारी चौधरी अतिथियों का स्वागत कर रहे थे। विधान सभा के अधिकारी भी अतिथियों के स्वागत में जुटे रहे। रात लगभग साढ़े नौ बजे तक अतिथियों के आने का सिलसिला जारी रहा।
विधान सभा के बजट सत्र की समाप्ति के बाद आयोजित इस कार्यक्रम में विधायकों के चेहरे पर अगले दिन की कार्यवाही की चिंता नहीं थी। मंत्री भी सवालों के दबाव से मुक्त थे। भोजन के बाद अतिथि स्पीकर से मुलाकात कर और उनके प्रति आभार व्यक्त करते प्रस्थान कर रहे थे।