बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि मुख्यमंत्री की उड़ीसा यात्रा में विपक्षी दलों को एक साथ लाने के मुद्दे पर कोई कबायद नहीं होने के कारण यह यात्रा निष्फल हो गया है।मुख्यमंत्री जी को उनसे राज्य के प्रति समर्पण का भी सबक लेना चाहिए।
श्री सिन्हा ने कहा कि उड़ीसा के मुख्यमंत्री द्वारा यह कहना कि राजनीतिक मुद्दे पर कोई बात नहीं हुई है अपने आप में महत्वपूर्ण है।कम से कम अब तो मुख्यमंत्री जी को इस असफलता से सीख लेनी चाहिए।
श्री सिन्हा ने कहा कि नवीन पटनायक कांग्रेस विरोध की राजनीति कर उड़ीसा में अपनी पहचान बनाये हुए हैं।उन्होंने कभी भी कांग्रेस की अधीनता स्वीकार नहीं की।लेकिन अब नीतीश जी जिस मुहिम में लगें है उसमें कांग्रेस का नेतृत्व और मार्गदर्शन ही काम कर रहा है।ऐसे में नवीन पटनायक जैसे सिद्धान्तबादी व्यक्ति को इनका फार्मूला असहज लगा औऱ राजनीति पर बात करने से इनकार कर दिया।
श्री सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के आगामी महाराष्ट दौरा का भी यही परिणाम होने बाला है।शिब सेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस इनके छद्म आचरण औऱ सिद्धांतविहीन राजनीति से अबगत है।वे सशंकित हैं कि ये कभी भी पलट सकते हैं।राजनीतिक विश्वसनीयता गिर जाने के कारण ये उन्हें स्वीकार नहीं हो सकते हैं।
श्री सिन्हा ने कहा कि विपक्षी एकता के नाम पर राज्य के बाहर इनका भ्रमण मात्र औपचारिकता रह गया है और इससे बिहार की क्षति हो रही है।अभी तक न तो बिहार का विकास कर पाये हैं न ही अपने बल पर सरकार बना पाये हैं।बिहार तेज गति से बर्बादी के दल दल में धंसता जा रहा है।राज्य में भ्रष्टाचार और प्रशासनिक अराजकता चरम पर है।अब इन्हें फुरसत नहीं है कि राजकाज को सम्हाले।राज्य की जनता को बताये कि कब किसी अन्य व्यक्ति को अपनी गद्दी सौपेंगे।