पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के भाजपा में शामिल होने पर जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि पहले से ही वो भाजपा की कठपुतली बनकर माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी को कमजोर करने की जद्दोजहद में लगे हुए थे। आरसीपी सिंह जी का भाजपा में जाना कोई हैरान करने वाली खबर नहीं है। हमें तो हैरानी इस बात की हो रही है कि भाजपा की सदस्य्ता लेने में उन्हें इतना विलम्ब क्यों हुआघ् इसका मतलब स्पष्ट है कि भाजपा ने भी इनको स्वीकार करने की स्थिति में नही थी। क्योंकि सच्चाई यह है कि जिस समाज से आरसीपी सिंह सम्बंध रखते हैं वह शतप्रतिशत समाज माननीय मुख्यमंत्री जी के साथ मजबूती से खड़ा है। खैरए पहले पर्दे के पीछे से भाजपा के लिए काम करते थे और अब औपचारिक घोषणा के बाद खुलकर भाजपा के लिए काम करें। इससे कोई फर्क पड़ने वाला नही है।
प्रदेश अध्यक्ष ने आरसीपी सिंह पर तंज कसते हुए कहा कि एक जदयू का साधारण कार्यकर्ता भी आरसीपी सिंह जी के मुकाबले राजनीतिक धरातल पर अधिक प्रभाव रखता है। उनके जाने से न जदयू को तिनके भर का नुकसान पहुंचा है और न भाजपा को तिनके भर का फायदा होने वाला है। आरसीपी सिंह बिहार की राजनीति में अपनी प्रासंगिकता और प्रतिष्ठा दोंनो खो चुकें हैं। उनके पास न कोई जनाधार है और ना ही अपनी राजनीतिक पहचाना। मीडिया कवरेज में बने रहने व अपने राजनीतिक कैरियर को जिंदा रखने के लिए उन्होंने भाजपा के सामने घुटना टेका है।
आगे उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी रहमोकरम और उपकार के बदौलत आरसीपी सिंह को राजनीतिक पहचान मिली। पार्टी ने भरोसा जताते हुए उन्हें राष्ट्रीय महासचिव और राष्ट्रीय अध्यक्ष जैसी महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेवारियां सौंपी। माननीय मुख्यमंत्री जी ने आरसीपी सिंह को राज्यसभा भेजकर देश की राजनीति में योगदान देने का अवसर दिया परन्तु दिल्ली जाने के बाद वो मोदीण्शाह की गोदी में बैठकर मुख्यमंत्री जी के लिए ही गड्ढा खोदने लगें। अपनी व्यक्तिगत स्वार्थी के लिए उन्होंने सारी नैतिकता और मर्यादा को कलंकित करने का काम किया है। बिहार की जनता कभी भी उन्हें माफ नहीं करने वाली।
प्रदेश अध्यक्ष ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि देश की जनता इन्हें 2024 लोकसभा चुनाव में सबक सिखाने का काम करेगी। 9 वर्षों से इनलोगों ने सिर्फ देश की जनता को ठगने का काम किया है। भाजपा को इस बात का अंदाजा हो चुका है कि अब उनका सफाया तय है इसीलिए लोकसभा चुनाव नजदीक आते इनके सारे कठपुतली खुलकर भाजपा को बचाने के लिए सामने आने लगें हैं।