भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रव्यापी अभियान के तहत भारतीय संविधान के शिल्पकार डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर की जयंती पर 14 अप्रैल को शुरू की गई भाजपा हटाओ देश बचाओ पदयात्रा 30 मई तक चलेगी। 8 एवं 9 जून को मधुबनी, सहरसा, बांका और शिवहर को छोड़ कर बाकी जिले के जिला मुख्यालय पर जन सत्याग्रह और जेल भरो अभियान आयोजित किये जायेंगे। जन सत्याग्रह की तैयारी की समीक्षा 21 मई को पार्टी राज्य कार्यकारिणी की बैठक में की जाएगी। पार्टी ने पदयात्रा को व्यापक जन समर्थन देने के लिए बिहार की जनता के प्रति अभार जताया है।
भाकपा के राज्य सचिव कॉमरेड रामनरेश पाण्डेय ने बयान जारी कर कहा कि राज्य के सभी 38 जिलों में पार्टी के कार्यकर्ता गांव गांव पदयात्रा कर रहे हैं। पदयात्रा को व्यापक जन समर्थन मिल रहा है। इसी के मद्देनजर पार्टी ने छूटे हुए गांवों में 30 मई तक पदयात्रा जारी रखने का फैसला लिया है। पदयात्रा के माध्यम से जन समस्याओं को एकत्रित किया जा रहा है। जन सवालों को लेकर आठ और नौ जून को बिहार के सभी जिला मुख्यालय पर जन सत्याग्रह और जेल भरो अभियान चलाया जाएगा। पदयात्रा के दौरान सत्याग्रहियों की सूची भी तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि जनता अपनी समस्याओं हमारे पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के समक्ष रख रहे हैं। लोगों का कहना है कि मोदी सरकार की जन विरोधी योजनाओं से जनता तबाह है।
भाकपा राज्य सचिव ने कहा महंगाई आसमान छूने लगी है। गरीबों ने घरेलू गैस पर खाना बनाना छोड़ दिया है। किसानों को समय पर खाद बीज नहीं मिल पाता है। मिलता भी तो ऊँची कीमतों पर, किसानों को उपज का लाभ नहीं मिल रहा है। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों की उपज खरीदी नहीं जा रही है। केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा के बजट में की गई कटौती का असर गांव में दिखने लगा है। गरीबों और मजदूरों के समक्ष रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है। मनरेगा योजना के तहत मजदूरों को कार्य नहीं मिल रहा है। मनरेगा की मजदूरी बहुत ही कम है। लोग रोजगार के लिए पलायन करने पर मजबूर हैं। कल्याणकारी योजनाओं में लूट मची हुई है। जनता का कार्य नहीं हो रहा है। केंद्र की भाजपा नेतृत्व वाली नरेंद्र मोदी की सरकार देश को फासीवादी रास्ते पर ले जा रही है। मोदी सरकार में संविधान और लोकतंत्र के अस्तित्व पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। भाजपा सरकार भारतीय संविधान के स्थान पर नागपुर से संचालित राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का संविधान लागू करना चाहती है। जिसे देश की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी। मोदी सरकार के खिलाफ आम जनता में गुस्सा है। 2024 में भाजपा की विदाई तय है। इसकी शुरुआत कर्नाटक विधानसभा चुनाव से शुरू हो गई है।