सोमवार को भुवनेश्वर में चल रही दूसरी जी-20 कल्चर वर्किंग ग्रुप की बैठक को केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में मौजूद विभिन्न देशों के प्रतिनिधि सांस्कृतिक पृष्ठभूमि का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, जो हमारी अनूठी पहचान को दर्शाती है और सांस्कृतिक रूप से भी हमें विश्व में एकजुट करती है।
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चाहत है कि दुनिया में कोई दूसरी या तीसरी दुनिया नहीं हो बल्कि एक ही दुनिया रहे। इसलिए वह बेहतर भविष्य के लिए पूरी दुनिया को एक साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि जी-20 का मंत्र एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य है। हमारे देश का यह विचार विश्व का कल्याण कर सकता है। इसलिए, प्रधानमंत्री मोदी को भरोसा है कि भारत में होने वाला यह आयोजन न केवल यादगार रहेगा बल्कि, आने वाले समय में विश्व इसका आकलन भी करेगा।
गृह राज्यमंत्री ने कहा कि संस्कृति से ही हम एक-दूसरे के साथ संबंध बना सकते हैं। संस्कृति ही समझ को बढ़ावा देने के साथ-साथ एक स्थायी और समावेशी भविष्य बनाने की महत्त्वपूर्ण कुंजी है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वक्तव्य को दोहराते हुए कहा कि भारत ऐसे समय में जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है जब देश अपने अमृतकाल की यात्रा पर है। आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर शुरू हुई यह यात्रा अगले 25 वर्षों तक जारी रहेगी। भारत की आजादी की जब एक सदी होने तक देश भविष्यवादी, समृद्ध, समावेशी और विकसित राष्ट्र बनने की ओर अग्रसर है। भारत की इस यात्रा में एक विशिष्ट मानव केंद्रित दृष्टिकोण भी निहित है।
इस मौके पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने जी-20 के प्रतीक चिह्न की लॉन्चिंग के दौरान प्रधानमंत्री वक्तव्य को याद दिलाया कि यह चिह्न बस चिह्न नहीं बल्कि एक भावना है, जो सभी भारतीयों के भीतर है। उन्होंने कहा कि युद्ध से मुक्ति का गौतम बुद्ध का संदेश और महात्मा गांधी की अहिंसा का सिद्धांत आज भी प्रासंगिक है। दोनों महात्माओं की संदेशों को भारत दुनिया भर में पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि यह आयोजन महज एक डिप्लोमैटिक बैठक नहीं है। आज दुनिया के तमाम देश भारत के बारे में जानने के लिए इच्छुक और उत्सुक दिखते हैं इसलिए हम इसे जिम्मेदारी के रूप में लेते हैं। आज की हमारी सफलताओं को आंका जा रहा है और बेहतर भविष्य के लिए भी हम पर सभी की नजरें टिकी हैं। ऐसे में हमारे देश के नागरिकों की भी यह जिम्मेदारी बनती है कि वे दुनिया को भारत की क्षमता, दर्शन, सामाजिकता और बौद्धिकता के बारे में बताएं और दुनिया की उम्मीदों पर कायम रहें।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत शुरू से वसुधैव कुटुम्बकम में विश्वास रखता है। हमारा देश पूरे विश्व को एक परिवार मानता है। हमारी विविधताएं हमें एक साथ सीखने पर जोर देती हैं। जी-20 देशों के बीच संस्कृति का आदान-प्रदान कर और समझ को बढ़ावा देकर हम एक जीवंत दुनिया बना सकते हैं।