बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री विजय कुमार सिन्हा ने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के”जहाँ जनता का भला होता है वहाँ जाते हैं” बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि राजद ने बिहार के लोगों का बुरा करने औऱ उन्हें तबाह करने की सुपारी ले रखी है।
श्री सिन्हा ने कहा कि बागेश्वर धाम के कार्यक्रम में आयोजकों के आमंत्रण को ठुकराना और फिर अनाप शनाप वयान देना यह दर्शाता है कि तेजस्वी यादव बौद्धिक एवम आध्यात्मिक रूप से दिबालिया हैं।जहाँ लाखों लाख लोग रोज प्रबचन सुनने जा रहे हैं और कथावाचक द्वारा भीड़ और प्रचंड गर्मी के कारण आने से मना किया जा रहा है वहाँ इनके जाने न जाने से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है।दिव्य शक्ति अपना काम कर रही है।
श्री सिन्हा ने कहा कि आयोजकों को यह पता नहीं था कि मुस्लिम तुष्टीकरण के कारण ये सनातन धर्म के आयोजन में सम्मिलित नही होंगे।ये इफ्तार पार्टी में उत्साह और उमंग के साथ जाते हैं।वहाँ जाने से कितने लोगों का भला हुआ कोई नहीं जानता है।सनातन धर्म और संस्कृति का अपमान करना इनका स्वभाव हो गया है।परिवार वाद के कारण इनको गोद में उठाकर कुर्सी पर बैठा दिया गया है।यदि राजद में अनुभव, योग्यता एवम शिक्षा का मापदंड रखकर पद सौपने की परंपरा होती तो ये कहीँ दिखाई नहीं पड़ते।
श्री सिन्हा ने कहा कि आरा में मुखिया पति की हत्या, पटना सिटी में हत्या, राज्य में रोज लूट, अपहरण औऱ बलात्कार की घटनाएं घट रही हैं।अगर यही जनता का भला है तो यह काम रोज हो रहा है।पांच पांच बिभाग का प्रभार लेकर उन विभागों में अराजक स्थिति पैदा कर दिये हैं।आरा में मुखिया पति की हत्या हुई है वह जिला भी इनके ही प्रभार में है।काम पर ध्यान देने के बजाय स्वार्थ और अहंकार में उलझे हुए हैं।
श्री सिन्हा ने कहा कि जो इस धरती पर आया है सबको एक दिन जाना है।अच्छे और बुरे कर्मों के अनुसार ही लोगों को गति मिलती है।मेरा सुझाव है कि बिहार की सांस्कृतिक विरासत और सनातन के सन्तानों का अपमान करना छोड़ दें।संबैधानिक पद पर वैठने वाले व्यक्ति सभी धर्मों के सम्मान की जिम्मेदारी का निर्बहन करे।