बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री विजय कुमार सिन्हा ने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह का देश में अघोषित आपातकाल बाले वयान पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि बिहार में आपातकाल बाली परिस्थिति पैदा करने वाले के मुँह से यह बयान शोभा नहीं देता है।
श्री सिन्हा ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की हवा निकल गई है।हत्या, लूट, डकैती, अपहरण औऱ बलात्कार की घटनाएं रोज हो रही है।थाना में केस दर्ज नहीं किया जाता है।शिकायत करने वाले को उल्टा पुलिस द्वारा फँसाया जाता है।भयभीत जनता अब थाना जाने से डर रही है।असलियत पर पर्दा डालने के लिए शासन प्रशासन के लोग किसी भी हद तक जा रहे हैं।राज्य में पेयजल का हाहाकार हो गया है।बच्चों के लिए मुफ्त पाठ्य पुस्तकों को पूर्णिया में कबाड़ी के हाथ बेच दिया गया है।पंचायत स्तर से जिला मुख्यालय तक योजना में घपला का खेल चल रहा है।धरातल पर योजना आये बिना राशि का बंदरबांट संवेदक और अभियंता द्वारा किया जा रहा है।इन सब से बेपरवाह राज्य के मुखिया देश में द्वार द्वार भटक रहे हैं।
श्री सिन्हा ने कहा कि विपक्षी एकता के नाम पर बिहार का काम काज ठप पड़ गया है।उच्च स्तरीय प्रशासनिक महकमा का काम अब नेताओं की पटना में बैठक कराने तक सीमित हो गया है।अगले 11 महीने तक यही हाल रहने वाला है।राज्यपाल को राज्य के दौरे के लिए हेलीकॉप्टर नहीं दिया जा रहा है और सरकार फजूल कार्यों में इसका उपयोग कर रही है।आधे दर्जन मंत्री उपमुख्यमंत्री सहित विभागों का काम कार्य छोड़ कर देशाटन में मुख्यमंत्री के साथ लगे हैं।
श्री सिन्हा ने कहा कि राज्य की बदहाल व्यवस्था के विरोध में27 मई को लखीसराय में महाधरना का आयोजन किया गया है।यदि स्थिति पर नियंत्रण नहीं किया जायेगा तो भाजपा राज्य व्यापी धरना, प्रदर्शन और आंदोलन की शुरुआत करेगी।जनादेश का अपहरण करने बालो को पब्लिक मैनडेट नहीं है फिर भी चोर दरबाजे से आकर ये राज्य में प्रशासनिक अराजकता कायम कर दिये हैं।पदाधिकारी के भरोसे सरकार चल रही है।7 दलों का महागठबंधन के बाबजूद भाजपा को राज्य की जनता अपना आशीर्वाद दे रही है जो पिछले उपचुनावों में दिख चुका है।यदि बिहार के प्रति थोड़ी भी सम्बेदनशीलता है,तो मुख्यमंत्री जी को विधानसभा सभा भंग कर नया जनादेश लेना चाहिए।