बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि महागठबंधन के नेताओं ने बिहार को सिद्धान्त बिहीन राजनीति औऱ भरस्टाचारियों के मिलन का अखाड़ा बना दिया है।
श्री सिन्हा ने कहा कि महागठबंधन के नेताओं ने आपसी सहमति से अबसरवाद को अंगीकार कर लोहिया और जयप्रकाश के आदर्शों के विपरीत सत्ता हासिल करने के जुगाड़ में लग गए हैं।बिहार का कल्याण अब इनकी प्रथमिकता में नहीं है।राज्य की जनता बेबस होकर इनके खेल को देख रही है और समय आने पर इन्हें सबक सिखायेगी।
श्री सिन्हा ने कहा कि देश के लोग देख रहे हैं कि जिस कांग्रेस के विरुद्ध इनका राजनीतिक जन्म और बिकास हुआ उसी के गोद में सत्ता की लालच में ये वैठ गए हैं।कांग्रेस ने देश में आपातकाल लागू किया औऱ अब इन्होंने बिहार में आपातकाल सदृश परिस्थितियों का निर्माण कर दिया है।लोकतंत्र की धरती बिहार में ही ये जी जान से लोकतंत्र के अपमान में जुट गए हैं।माननीय न्यायालय के आदेशों की भी ये अवहेलना कर रहे हैं जिसके कारण जिलाधिकारी और वरीय अधिकारियों पर न्यायालय द्वारा जुर्माना लगाया जा रहा है।
श्री सिन्हा ने कहा कि राज्य में बेरोजगार युवाओं के लिए इनका कोई रोड मैप नहीं है।यदि निवेशकों को राज्य में लाने का माहौल बनाते तो युबाओ का कल्याण होता।लेकिन इनको युबाओ की कोई फिक्र नहीं है।बिहार को कुरुक्षेत्र जैसा बनाकर ये सत्यानाश कर रहे हैं।लोगों ने देखा है कि जातीय उन्माद और भेदभाव पैदा करने में ये कितने कुशल हैं।
श्री सिन्हा ने कहा कि जनादेश का अपमान कर अपराध और भ्रष्टाचार के पोषकों के साथ मिलकर सरकार चला रहे हैं।अराजकता चरम पर है।देश की गद्दी के फ़िराक में इनका बिहार की गद्दी भी जाना तय है।बिडंबना है कि जो लोग संबैधानिक संस्थाओं का अपमान कर रहे हैं वही संबिधान बचाने के नाम पर विपक्षी एकता की कबायद कर रहे हैं।