(बिहार में जाति आधारित गणना की प्रक्रिया को अदालती आदेश के बाद रोक दिया गया है। लेकिन राजद प्रमुख लालू यादव 2013 के पहले ही लोकसभा में इस मुद्दे को उठा चुके थे और जाति जनगणना की मांग की थी। द मार्जिनलाइज्ड पब्लिेकेशन से प्रकाशित पुस्तक सदन में लालू प्रसाद: प्रतिनिधि भाषण में प्रकाशित एक भाषण यहां पाठकों के लिए अपलोड कर रहे हैं।)
महोदय, हमने इस सवाल को सबसे पहले शून्य काल में उठाया था। आज पूरा सदन, चाहे बीजेपी हो, जद (यू) हो, कांग्रेस पार्टी के लोग हों, बी.एस.पी हो, सभी इस बारे में कह रहे हैं। वर्ष 1931 तक जनगणना जातीय आधार पर हुई। रिकार्ड्स ऑफ राइट्स, जो गांव में जातियों के लिये रखे हुए हैं और जाति ही यथार्थ है। हम लोग कोई रिजर्वेशन नहीं मांग रहे हैं, हम यहां पर कोई बैकवर्ड या फॉरवर्ड की लड़ाई नहीं लड़ रहे हैं। आप लड़कों, बच्चों को सेवाओं में जाने के लिए जाति प्रमाण-पत्र देते हैं। जाति है, रिकार्ड्स ऑफ राइट्स में भी है और जब भी कोई दबे, कुचले, पिछड़े वर्गो का सवाल उठता है, शेड्यूल कास्ट, शेड्यूल ट्राइव की भी जनसंख्या वर्ष 1931 के बाद बढ़ी है। हमारे दल की और हमारी पुरजोर मांग है कि आप पूरे देश में जनगणना जातीय आधार पर कराइए और आप अंडर ब्रेकिट कास्ट भी लिखिये। कास्ट तो है, रिकार्ड्स ऑफ राइट्स में है, सब जगह है, ताकि लोगों को मालूम हो जाए कि हमारी संख्या क्या है? जाति हकीकत है, ऐसा ठीक कहा शरद यादव जी ने, और इससे इनकार नहीं किया जा सकता। इसमें तकलीफ किस बात की है? क्यों नहीं आप आगे आ रहे हैं? इसलिए चर्चा हो या चर्चा नहीं हो, आज जिस तरह से हाउस स्टार्ट हुआ, मगर कल जब भी चर्चा हो, सरकार स्पष्ट रूप से यह उत्तर दे कि हम देश के सभी वर्गों की जनगणना जातीय आधार पर कराएंगे। पिछड़े वर्गों की, अनुसूचित जाति-जनजाति की जाति ब्रेकेट में लिखिये। ऊंची जाति भी लिखिए, हमें कोई एतराज नहीं है। लिखिये और यह फिगर आना चाहिए। आईना जब आपके सामने रहेगा तो आपको जो भी आगे काम करना है, उसमें सहूलियत होगी। इसलिए लाल कपड़ा देखकर आप भड़किये मत। इसको आपको करना पड़ेगा और कल उत्तर देना पड़ेगा। आज तो नेता विरोधी दल और सबसे बात हुई कि ठीक है कल चर्चा हो जाए और चर्चा के बाद यदि संतोषजनक उत्तर नहीं आयेगा तो फिर हम सब लोगों को परेशानी होगी और आप सब लोगों को उस परेशानी को लगातार झेलना ही है। जनगणना बिल्कुल जातीय आधार पर हो, मैं लगातार इस सवाल को उठा रहा हूं।