( संसद और विधानमंडल में महिला आरक्षण एक बड़ा मुद्दा रहा है। 9 जून, 2009 को लोकसभा में अपने संबोधन में महिला आरक्षण को लेकर लालूजी ने स्पष्ट राय रखी थी और वे कोटा के अंदर कोटे की बात कर रहे थे। इस संबंध में द मार्जिनलाइज्ड पब्लिेकेशन से प्रकाशित पुस्तक सदन में लालू प्रसाद: प्रतिनिधि भाषण में प्रकाशित एक भाषण यहां पाठकों के लिए अपलोड कर रहे हैं।)
महोदया, अब मैं महिला आरक्षण के संबंध में कहना चाहता हूं। माननीय मुलायम सिंह ने कहा कि यह साजिश है। मैं इस साजिश का पर्दाफाश करता हूँ। बैकवर्ड क्लासेस सिटीजन ऑफ इंडिया, जितनी क्षेत्रीय पार्टियां बननी शुरू हुई, इस देश का अभिजात्य वर्ग बड़ी चतुराई से मासूम महिलाओं को आगे खड़ा करके बैकवर्ड मूवमेंट को डाइल्यूट करना चाहता है। शरद यादव न आयें, लालू यादव न आयें, न आयें मुलायम सिंह और कल्याण सिंह तथा जितने भी दलों का बेस बैकवर्ड क्लास है, जैसे डीएमके तथा जिन दूसरी पार्टियों का आधार बैकवर्ड क्लासेस है। यह साजिश है कि क्षेत्रीय पार्टियों और उनके लीडर्स को यहां नहीं आने दिया जाए। राहुल जी शायद हाउस में नहीं हैं, हम लोगों ने शुरू से कहा है कि हम महिला रिजर्वेशन का विरोध नहीं करते हैं, लेकिन आप देख सकते हैं कि इस देश में आजादी के बाद कितनी हमारी मुस्लिम बहनें एम.पी. बन कर आई हैं। मिट्टी से जुड़े लोगों को, राहुल गांधी जी ने जब जिक्र किया था, तब लोग हंस रहे थे और मज़ाक में बात उड़ा रहे थे, कलावती के विषय में हम महिला आरक्षण में कलावती देखना चाहते हैं, भगवती देवी को देखना चाहते हैं। आपकी कृपा से राबड़ी देवी तो हैं ही।
रिजर्वेशन के अंदर रिजर्वेशन हो। श्री मुलायम सिंह यादव ने हमें ललकारा – तैयार रहो। हम तैयार हैं, चौबीसों घंटे तैयार हैं। तैयार का मतलब यह नहीं है कि हाथापाई करनी है। अगर आप यह सोचेंगे कि आंकड़े हमारे पक्ष में हैं, तब हम खेत में चलेंगे, खलिहान में चलेंगे और बताएंगे कि देश में 20 रुपया आमदनी भी लोगों को नहीं है। इस सदन में हमारी बेटियां आनी चाहिए। सदन में पहले वाले होम मिनिस्टर साहब नहीं हैं। एक बैठक हुई थी और मैडम उस बैठक में थीं, इन्हें पूरी जानकारी है। आप रिजर्वेशन कीजिए 20 परसेंट या 25 परसेंट कीजिए, लेकिन उसमें कोटे के अंदर कोटा होना चाहिए। दलित हैं, ट्राइबल हैं, मुस्लिम हैं, जिनका प्रतिनिधित्व नहीं है। बैकवर्ड क्लासेस को आप विधायक और सांसद पद के लिए आरक्षण दीजिए। जो मोस्ट बैकवर्ड हैं जैसे लोहार, बढ़ई आदि जाति के लोग हैं, जो सीधे चुन कर नहीं आ पाते हैं, उन्हें आप आरक्षण दीजिए। कई बार यहां मुहिम चला कि पूरे बैकवर्ड क्लास एम.पी. की बैठक हुई और बैठक में तय हुआ कि हम लोगों को एम.एल.ए. और एम.पी. पद में आरक्षण होना चाहिए। आप महिलाओं को, हमारी बहनों को आरक्षण कीजिए, हम विरोध नहीं करते हैं। बीस लाख की आबादी पर एक एम.पी बन रहा है। मेरा फिर से सुझाव है कि चाहे आप 20 परसेंट या 25 परसेंट रिजर्वेशन कीजिए, लेकिन आरक्षण के अंदर आरक्षण आप नहीं करेंगे, तो हम मानने वाले नहीं हैं। यह बात ठीक है कि लोकसभा में बैठने की कम जगह है, आप सेंट्रल हॉल में चलिये। सेंट्रल हॉल को लोकसभा में कन्वर्ट कर दीजिए। राज्यसभा में भी सीटें बढ़ेंगी, तो उन्हें आप लोकसभा में बैठा दीजिए। राज्यसभा जब खाली होगी, तो अब जैसे सेंट्रल हाल में चाय-पानी पीते हैं, वहां चाय-पानी की व्यवस्था कर दीजिए। सेंट्रल हाल में जितनी भीड़ रहती है, उनकी संख्या आप सीमित कर दीजिए। राज्यसभा की बगल में कैंटीन भी है। आप लोग पावर में हैं, ठीक है, हम खुश हैं, इसमें कोई नाराजगी नहीं है। जो सहयोगी लोग हैं। चाहे उधर हैं लेकिन हम इधर हैं, सहयोगी लोगों से संबंध अच्छा रखना पड़ेगा।