आ गया, आ गया, आ गया… नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव का पिटारा आ गया। खुल भी गया। खुला पिटारा और निकला अनारक्षित। अलबला गये न आप। ये अनारक्षित कौन-सा जाति समूह है। हम भी अलबला गये थे। जाति आधारित गणना में सामान्य प्रशासन विभाग कौन-सा नया जाति समूह लेकर आ गया।
जाति आधारित गणना की रिपोर्ट जारी करने के लिए मुख्य सचिवालय में प्रेस वार्ता आयोजित की गयी थी। इस मौके पर मुख्य सचिव का प्रभार संभाल रहे विकास आयुक्त विवेक कुमार सिंह और सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव बी. राजेंद्र के साथ कई अधिकारी मौजूद थे। इस दौरान पत्रकारों के बीच रिपोर्ट से जुड़ी सूचनाएं वितरित की गयीं, जिसमें जातिवार जनसंख्या और प्रतिशत भी बताया गया था। इसी में एक था कोटिवार संक्षिप्त विवरणी।
कोटिवार विवरणी में जातीयों को पांच कोटि में बांटा गया है। पहली कोटि पिछड़ा वर्ग, दूसरी कोटि अत्यंत पिछड़ा वर्ग, तीसरी कोटि अनुसूचित जाति, चौथी कोटि अनुसूचित जनजाति और पांचवीं कोटि का नाम है अनारक्षित।
अनारक्षित कोटि के लोगों की आबादी 2 करोड़, 2 लाख 91 हजार से अधिक है और प्रतिशत में इसका आंकड़ा 15.52 प्रतिशत है। पांचवीं कोटि को लेकर सामान्य प्रशासन विभाग ने जान-बूझकर गुमराह करने की कोशिश की है। देश में अब कोई अनारक्षित जाति समूह नहीं है। बिहार में भी नहीं है। अब देश की हर जाति को आरक्षण का लाभ मिलता है और यही स्थिति बिहार में भी है।
बिहार में भी केंद्र की तरह 10 फीसरी आरक्षण सवर्णों को मिलता है। जिस तरह ओबीसी के आरक्षण में क्रीमीलेयर लगा दिया है, उसी तरह सवर्णों के आरक्षण में भी क्रीमीलेयर लगा दिया गया है। फिर सवर्ण जाति समूह को सामान्य प्रशासन विभाग अनारक्षित कैसे कह सकता है। विभाग ने जान-बूझकर गैरसवर्णों को गुमराह करने की कोशिश की है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए सामान्य प्रशासन विभाग की धोखाधड़ी की जांच करवानी चाहिए। अनारक्षित कोटि की जगह सवर्ण या अगड़ी जाति समूह शब्द का इस्तेमाल करना चाहिए। अनारक्षित शब्द को मुद्दा बनाकर कोई कोर्ट में चला गया तो जाति आधारित रिपोर्ट ही फर्जी करार दी जा सकती है।
अब हम रिपोर्ट की बात करें तो सात सवर्ण जाति हैं। इसमें चार हिंदू और तीन मुसलमान जाति शामिल हैं। इन सातों जातीयों को बिहार में आरक्षण का लाभ मिलता है। कुल सवर्ण आबादी में 27 फीसदी हिस्सा मुसमलानों का है। जाति आधारित गणना की रिपोर्ट के अनुसार, सवर्ण जातीयों की जनसंख्या भी देख लीजिए।
क्र. जाति— आबादी — प्रतिशत
1. शेख — 4995897 — 3.82
2. ब्राह्मण — 4781280 — 3.65
3. राजपूत — 4510733 — 3.45
4. भूमिहार — 3750886 — 2.86
5. पठान — 986665 — 0.75
6. कायस्थ — 785771 — 0.60
7. सैयद — 297975 — 0.22
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इस मुद्दे पर हम पाठकों की प्रतिक्रिया का इंतजार भी करेंगे।