• About
  • Contcat Us
Sunday, June 8, 2025
  • Login
Hindi News, हिन्दी समाचार, न्यूज़ इन हिंदी, ताजा खबरें, लेटेस्ट न्यूज़ – BIRENDRA YADAV NEWS
  • होम
  • बिहार
  • जाति
  • राजनीति
  • कैबिनेट क्लब
  • प्रशासन
  • झारखण्ड
No Result
View All Result
  • होम
  • बिहार
  • जाति
  • राजनीति
  • कैबिनेट क्लब
  • प्रशासन
  • झारखण्ड
No Result
View All Result
Hindi News, हिन्दी समाचार, न्यूज़ इन हिंदी, ताजा खबरें, लेटेस्ट न्यूज़ – BIRENDRA YADAV NEWS
No Result
View All Result
Home बिहार

कमाई में बदला MY, आंचल दरकने का खतरा बढ़ा

Cover Story of Birendra Yadav News, Nov Issue 2023

Birendra Yadav by Birendra Yadav
October 23, 2023
in बिहार
0
कमाई में बदला MY, आंचल दरकने का खतरा बढ़ा
0
SHARES
7
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter

महात्‍मा गांधी की जयंती के मौके पर बिहार सरकार ने जाति आधारित गणना यानी जातीय गणना की रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी। विकास आयुक्‍त ने रिपोर्ट जारी करते हुए यह बताया कि किस जाति और किस धर्म की कितनी आबादी प्रदेश में है। आबादी से राजनीति और वोटों का समाजशास्‍त्र तय होता है। चुनाव के लिए इसकी प्राथमिक जरूरत थी, सरकार ने इसलिए सबसे पहले आबादी के आंकड़े जारी किये। मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार कहते हैं कि जाति आधारित गणना से जुड़े अन्‍य रिपोर्ट सदन के पटल पर रखा जाएगा। इस पर सभी दलों से चर्चा के बाद आगे की रणनीति बनायी जाएगी और आरक्षण के दायरे पर पुनर्विचार किया जाएगा। विभिन्‍न जातियों के लिए आरक्षण का फिर से निर्धारण किया जाएगा। इसका स्‍वरूप क्‍या होगा, इस पर भी विमर्श विधान सभा सत्र के दौरान किया जाएगा।
नीतीश कुमार और तेजस्‍वी यादव की सरकार ने जाति आधारित गणना और उसकी रिपोर्ट सार्वजनिक कर देश में बढ़त ले ली है। कई राज्‍यों ने जा‍ति गणना करवायी, लेकिन रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं कर सके। इसके राजनीतिक फायदे-नुकसान में ही उलझे रहे। इसके विपरीत बिहार सरकार ने सभी दलों की सहमति से जाति आधारित गणना करवायी। सभी पार्टियों का समर्थन हासिल किया और विधान सभा में प्रस्‍ताव पारित करवाया। सर्वदलीय प्रतिनिधि मंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और राष्‍ट्रव्‍यापी जाति गणना करवाने की मांग की। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ऐसी कोई गणना नहीं करवायेगी, राज्‍य सरकार अपने स्‍तर पर करवा सकती है। इसके बाद राज्‍य सरकार ने जनगणना का कार्यक्रम तय कर इसे व्‍यावहारिक रूप दिया और आज सभी जातियों की आबादी सार्वजनिक हो गयी है।
अब सवाल इससे आगे का है। रिपोर्ट आने के बाद विवादों का दौर शुरू हो गया है। कुछ दिनों में विवाद थम भी जाएगा। लेकिन सवाल है कि रिपोर्ट का राजनीतिक असर क्‍या होगा। बिहार में कोई जाति गणना नहीं हुई थी, तब भी नीतीश कुमार के पाला बदलने के साथ सत्‍ता का ताला बदल जाता था। चाबी के मालिक बदल जाते थे। देश और प्रदेश में एनडीए का सत्‍ता समीकरण 1996 में पहली बार अस्तित्‍व में आया था। इसके बाद से बिहार के संदर्भ में नीतीश कुमार के पास ही समीकरण की चाबी रही। लंबे समय तक नीतीश कुमार के साथ रहने वाली भाजपा ने कभी चाबी पर दावा भी नहीं किया। इसलिए नीतीश कुमार अपनी सुविधा के अनुसार, सत्‍ता के सहयोगी बदलते रहे। सत्‍ता की सहयोगी रही पार्टियां भाजपा या राजद में से किसी ने कभी नीतीश कुमार के नेतृत्‍व पर सवाल नहीं उठाया। नीतीश कुमार भी वफादारी का प्रसाद भी बांटते रहे हैं।
जब जाति गणना को लेकर आम सहमति बनी और इसकी प्रक्रिया और परिणाम सामने आये तो राजद सत्‍ता में सहयोगी है। लालू यादव और नीतीश कुमार के बीच वैचारिक मतभेद आधार वोट को लेकर नहीं रहा है, बल्कि इनकी लड़ाई सत्‍ता में हिस्‍सेदारी को लेकर रही है। 1994 में इसी सत्‍ता में हिस्‍सेदारी के विवाद में नीतीश कुमार ने अलग राह पकड़ी थी। उनके राजनीतिक आधार में कोई विचारधारा नहीं थी, बल्कि उनकी पूरी वैचारिकी यादव विरोध पर केंद्रित थी। उन्‍होंने यादवों के खिलाफ पिछड़ों की गोलबंदी की और इस गोलबंदी में उन्‍होंने सवर्णों का साथ लेने के लिए भाजपा के साथ गठबंधन किया। वजह थी कि सवर्णों के राजनीतिक और सामाजिक आधिपत्‍य को यादवों ने छीना था। इसकी टीस सवर्णों को नीतीश के खेमा में जाने के लिए विवश किया।
आज जब जातीय गणना की रिपोर्ट सामने आ गयी है, इससे जाति का यथार्थ नहीं बदला है। गणना के पहले भी यही धारणा थी कि 15 फीसदी सवर्ण, 15 फीसदी मुसलमान और 16-17 फीसदी दलित-आदिवासी हैं। इसके अलावा शेष 62-63 फीसदी तो ओबीसी ही थे। गणना में यही रिपोर्ट निकलकर आयी है। इसमें नया क्‍या है। वर्तमान में 63 फीसदी वाले ओबीसी को 33 फीसदी आरक्षण प्राप्‍त है। इसमें ईबीसी को 18, बीसी को 12 और 3 फीसदी बीसी महिला का आरक्षण शामिल है।
जाति आधारित गणना में जातियों के पास उपलब्‍ध संसाधन, जमीन, शिक्षा, नौकरी, व्‍यवसाय आदि से जुड़ी जानकारी एकत्रित करनी थी। इन सबका उपयोग विकास की नीतियों में निर्धारण के लिए किया जाना है। इसका राज्‍य और समाज के समग्र विकास में इस्‍तेमाल किया जाएगा। लेकिन हुआ इसके विपरीत। सरकार ने राजनीतिक उपयोग में आने वाली जाति की आबादी को सार्वजनिक कर दिया और विकास के लिए उपयोगी आंकड़ों पर कुंडली मार कर बैठ गयी। इन आंकड़ों के लिए विधान सभा सत्र का इंतजार किया जा रहा है।
इन आंकड़ों के सामने आने के बाद भी विकास के लिए कुछ नया करने का विकल्‍प नहीं है। सरकार सिर्फ आरक्षण के दायरे और प्रतिशत में हेरफेर के अलावा कुछ नहीं कर सकती है। अब तो हर जाति आरक्षण के दायरे में है। बस प्रतिशत के आंकड़ों के साथ ही राजनीति संभव है। बिहार में जो महागठबंधन है, उसकी रीढ़ है माई यानी यादव-मुसलमान। अब नीतीश कुमार की वजह से कुर्मी जाति को भी महागठबंधन का आधार वोट माना जा रहा है। मतलब अब माई कमाई में बदल गया है।
पिछले 33 सालों में बिहार में पिछड़ी जाति ही राज कर रही है। गैरसवर्ण जातियों में सत्‍ता और सम्‍मान की जो भूख थी, वह बहुत हद तक तृप्‍त हो चुकी है। हालांकि संतुष्टि की कोई सीमा नहीं होती है। अब ये जातियां सवर्णों पर राजनीतिक हकमारी और अवसर लूटने का आरोप नहीं लगा सकती हैं। इनकी अपेक्षाएं बढ़ गयी हैं, लेकिन अपेक्षाओं का दायरा सीमित है। यहां न बड़ी संख्‍या में सरकारी नौकरी है और न औद्योगिक क्षेत्रों में रोजगार के मौके हैं। सरकारी नौकरी भी मजाक बन गयी हैं। शिक्षकों की नियुक्ति एक ऐसा तमाशा बन गया है कि शिक्षक परीक्षा पर परीक्षा देने को विवश हैं। विद्यालय शिक्षकों का चिडि़याघर बन गये हैं। एक ही विद्यालय में कई तरह के शिक्षक पाये जाते हैं।
उस हालात में अब सरकार संसाधनों के आधिपत्‍य की लड़ाई को नया राजनीतिक हथियार बनाना चाहती है। इसी नाम पर राजनीतिक गोलबंदी का प्रयास करना चाहती है। इसलिए उन आंकड़ों को जारी करने के वक्‍त सदन में संग्राम चाहती है। स्‍वाभाविक है कि सवर्ण जातियों के पास संसाधनों का बड़ा हिस्‍सा संग्रहित है। बड़े पदों पर वही आसीन हैं। सम्‍मान और सत्‍ता की लड़ाई के बाद अब संसाधन और पद की लड़ाई शुरू होगी। इसका स्‍वरूप क्‍या होगा, यह समय बताएगा। लेकिन यह भी तय है कि महागठबंधन के कमाई यानी कुर्मी, मुसमान और यादव के पास भी संसाधनों का बड़ा हिस्‍सा संग्रहित है। वैसे में सवर्णों के साथ ही पिछड़ी जातियों के संसाधनों पर भी सवाल उठेंगे और उसे में माई का आंचल दरकने से इंकार नहीं किया जा सकता है। हम आबादी की बात करें तो जाति गणना के अनुसार, यादव राजपूत से 4 गुना और भूमिहार से 5 गुना अधिक हैं। इसका असर भी आगे की राजनीति पर पड़ेगा।

Tags: Cover Story of Birendra Yadav NewsNov Issue
Previous Post

वंश के विष को ‘शहद’ बनाने में जुटे सम्राट चौधरी

Next Post

नीतीश चा, जो बिहार को विधान सभा में नहीं बताएंगे

Birendra Yadav

Birendra Yadav

Next Post
नीतीश चा, जो बिहार को विधान सभा में नहीं बताएंगे

नीतीश चा, जो बिहार को विधान सभा में नहीं बताएंगे

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

  • Trending
  • Comments
  • Latest
फिर मंडप में बैठी कुर्मी सरकार, दहेज में मिला कोईरी और भूमिहार

फिर मंडप में बैठी कुर्मी सरकार, दहेज में मिला कोईरी और भूमिहार

January 28, 2024
सम्राट चौधरी को पगड़ी गंगा में बहाने के मिले संकेत

सम्राट चौधरी को पगड़ी गंगा में बहाने के मिले संकेत

January 20, 2024
जमुई के लोजपारा के अरुण भारती की उम्‍मीदवारी पर खतरा मंडराया

जमुई के लोजपारा के अरुण भारती की उम्‍मीदवारी पर खतरा मंडराया

April 4, 2024
लोकसभा टिकट की दावेदारी पर पढि़ये सबसे बड़ा और सबसे पहला सर्वे

लोकसभा टिकट की दावेदारी पर पढि़ये सबसे बड़ा और सबसे पहला सर्वे

August 6, 2023
सुशील, सम्राट, हरी, उपेंद्र, चिराग सब गंगा में हदा दिये जाएंगे

सुशील, सम्राट, हरी, उपेंद्र, चिराग सब गंगा में हदा दिये जाएंगे

2

‘विधवा सुहागन’ हो गये पंचायत प्रतिनिधि अध्‍यादेश की ‘नौटंकी’ का सच आया सामने एमएलसी चुनाव में वोट देने का अधिकार भी देगी सरकार

0

शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) प्रमाणपत्र आजीवन रहेगा वैध सात वर्ष पुराने सर्टिफिकेट की जगह नया प्रमाणपत्र देगी राज्‍य सरकार

0

भाजपा और संघ का इतिहास धोखा देने का है

0
सीमांचल को मुर्शिदाबाद बनाने की कोशिश में राजद-कांग्रेस

राहुल गांधी ने अपनी पूरी पार्टी को मनोविकृत बना दिया है: मंगल पाण्डेय

June 8, 2025
सी.पी. सिन्हा का जीवनवृत्त सदैव प्रेरणास्रोत बना रहेगा

सी.पी. सिन्हा का जीवनवृत्त सदैव प्रेरणास्रोत बना रहेगा

June 8, 2025
सीमांचल को मुर्शिदाबाद बनाने की कोशिश में राजद-कांग्रेस

तेजस्वी ने सिर्फ अवैध संपत्ति अर्जित करने में दिखायी दिलेरी : प्रभाकर मिश्र

June 7, 2025
दिशाहीन इंडी गठबंधन नहीं दिख रहा एकजुटः मंगल पांडेय

सीमांचल को मुर्शिदाबाद बनाने की कोशिश में राजद-कांग्रेस : मंगल पाण्डेय

June 6, 2025

Recent News

सीमांचल को मुर्शिदाबाद बनाने की कोशिश में राजद-कांग्रेस

राहुल गांधी ने अपनी पूरी पार्टी को मनोविकृत बना दिया है: मंगल पाण्डेय

June 8, 2025
सी.पी. सिन्हा का जीवनवृत्त सदैव प्रेरणास्रोत बना रहेगा

सी.पी. सिन्हा का जीवनवृत्त सदैव प्रेरणास्रोत बना रहेगा

June 8, 2025
सीमांचल को मुर्शिदाबाद बनाने की कोशिश में राजद-कांग्रेस

तेजस्वी ने सिर्फ अवैध संपत्ति अर्जित करने में दिखायी दिलेरी : प्रभाकर मिश्र

June 7, 2025
दिशाहीन इंडी गठबंधन नहीं दिख रहा एकजुटः मंगल पांडेय

सीमांचल को मुर्शिदाबाद बनाने की कोशिश में राजद-कांग्रेस : मंगल पाण्डेय

June 6, 2025
Hindi News, हिन्दी समाचार, न्यूज़ इन हिंदी, ताजा खबरें, लेटेस्ट न्यूज़ – BIRENDRA YADAV NEWS

Hindi News, हिन्दी समाचार, न्यूज़ इन हिंदी, ताजा खबरें, लेटेस्ट न्यूज़ – BIRENDRA YADAV NEWS

Browse by Category

  • education
  • Uncategorized
  • कैबिनेट क्लब
  • जाति
  • झारखण्ड
  • प्रशासन
  • बिहार
  • राजनीति

Recent News

सीमांचल को मुर्शिदाबाद बनाने की कोशिश में राजद-कांग्रेस

राहुल गांधी ने अपनी पूरी पार्टी को मनोविकृत बना दिया है: मंगल पाण्डेय

June 8, 2025
सी.पी. सिन्हा का जीवनवृत्त सदैव प्रेरणास्रोत बना रहेगा

सी.पी. सिन्हा का जीवनवृत्त सदैव प्रेरणास्रोत बना रहेगा

June 8, 2025
  • होम
  • बिहार
  • जाति
  • राजनीति
  • कैबिनेट क्लब

© 2023 Birendra Yadav News

No Result
View All Result
  • Homepages

© 2023 Birendra Yadav News

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In