दिसंबर 2012 का महीना था। औरंगाबाद जिले के ओबरा प्रखंड की बभनडीहा ग्राम पंचायत में मुखिया का उपचुनाव होना था। मुखिया की हत्या के बाद उपचुनाव का कार्यक्रम जारी हुआ था। हम भी इसी प्रखंड यानी डिहरा ग्राम पंचायत के निवासी हैं। इसलिए उसी प्रखंड की दूसरी ग्राम पंचायत में मुखिया का चुनाव लड़ना संभव था। बभनडीहा ग्राम पंचायत में हम पहली बार चुनाव लड़ने के मकसद से गये थे। न पंचायत की समझ और चुनाव का अनुभव।
उपचुनाव को लेकर हम नामांकन के दिन से लेकर मतगणना के दिन तक लगभग 20 दिन ग्राम पंचायत के सभी गांवों में दौरा किया। मतगणना के दिन भी हम काउंटिंग सेंटर पर जमे रहे, आखिरी वोट की गिनती तक। वोटरों की संख्या लगभग 4100 थी। हमें कुल 20 वोट आये थे। 20 दिनों का जनसंपर्क और मिले 20 वोट। इससे भी रोचक बात है कि जीत की मार्जिन मात्र 15 वोटों की थी। मतलब मार्जिन से 5 वोट ज्यादा मिले।
उस उपचुनाव में हम उम्मीदवार नहीं होते तो हमारे हिस्से में आए 20 वोटों की वजह से चुनाव परिणाम बदल सकता था, मार्जिन का अंदर घट-बढ़ सकता था। बेमतलब के उम्मीदवार भी चुनाव प्रक्रिया के मतलब बदल देते हैं। 20 वोटों का गणित भी हार-जीत का समीकरण बदल देता है। यही है एक-एक वोट का महत्व।
वीरेंद्र यादव न्यूज अब पूरी तरह चुनाव को मोड में आ गया है। हमारी हर खबर में चुनाव की झलक नजर आएगी। एकदम अलग तरह की खबर। हर खबर की भाषा, भाव और भंगिमा अनूठी। प्रवाह और प्रभाव भी अलग। लोकसभा चुनाव सामने है। हर राजनीतिक कार्यकर्ता चुनाव की तैयारी में जुट गया है। उम्मीदों का जाल बिछाया जा रहा है, वोट का बाजार सजाया जा रहा है। खबरों के व्यापारी वोट बाजार में अपना मॉल खड़ा करने में जुट रहे हैं। हमारे लोकतंत्र में वोट की कोई कीमत नहीं है, लेकिन चुनाव से जुड़ा हर व्यक्ति वोट को बेचने और खरीदने के धंधे में जुट जाता है। कीमत का स्वरूप अलग-अलग होता है। पैसा, पैरवी, दारू से लेकर अगलगी और पिटाई तक।
हमारी चुनाव प्रक्रिया ने एक दलालतंत्र खड़ा कर दिया है, जो लोकतंत्र की बोली लगता है, वोट की कीमत तय करता है। हम इससे लड़ने या इसका विरोध करने का कोई दावा नहीं करते हैं। लेकिन इस तंत्र से जुड़ी हर सूचना अपने सीमित संसाधनों में पाठकों तक पहुंचाने की पूरी कोशिश करेंगे।
मुखिया उपचुनाव के दौरान चुनाव प्रक्रिया में शामिल होकर हमने चुनाव के सिस्टम को समझा है। इसलिए हम किसी अन्य पत्रकार की तुलना में ज्यादा व्यावहारिक और तथ्यपरक खबर देंगे। हमारी अंतिम प्रतिबद्धता अपने पाठकों के प्रति है, उनके भरोसे के प्रति है। उसे हम हर हालत में बनाये रखेंगे।
(खबर के साथ अटैच तस्वीर मुखिया के उपचुनाव के लिए हमारा आवंटित चुनाव चिह्न मोमबतियां और संबंधित अधिकारी की मुहर है।)